Move to Jagran APP

Budget 2024: संसद में पहले शाम को पेश किया जाता था बजट, 25 साल पहले किस तरह बदल गई परंपरा; जानिए सबकुछ

Budget 2024 Date time वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस बजट को एनडीए सरकार के आगामी विकास एजेंडे को रेखांकित करने वाला बताया जा रहा है।मानसून सत्र में लोकसभा में लाए जा रहे इस बजट को सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा। हालांकि पहले केंद्रीय बजट को सुबह पेश करने की परंपरा नहीं थी। आखिर इसे क्यों बदला गया आइए जानते हैं।

By Mahen Khanna Edited By: Mahen Khanna Updated: Sat, 20 Jul 2024 04:04 PM (IST)
Hero Image
Budget 2024 Date time 23 जुलाई को पेश होगा बजट।
जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Budget 2024 Date time केंद्र की मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस बजट को एनडीए सरकार के आगामी विकास एजेंडे को रेखांकित करने वाला बताया जा रहा है। 

मानसून सत्र में लोकसभा में लाए जा रहे इस बजट को सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा। हालांकि, पहले केंद्रीय बजट को सुबह पेश करने की परंपरा नहीं थी।

पहले शाम में पेश होता था बजट

बजट पेश करने का समय पहले शाम 5 बजे था, जिसे बदलकर सुबह 11 बजे किया गया। आखिर इसे किस साल बदला गया और इस परंपरा को क्यों बदला गया, आइए जानते हैं। इसी के साथ हम जानते हैं कि वित्त मंत्री ने सबसे पहला बजट कब पेश किया था। 

बजट पेश करने का समय कब बदला

  • वर्ष 1999 तक बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था। यह परंपरा ब्रिटिश सरकार के समय से चली आ रही थी, क्योंकि इससे लंदन और भारत में एक साथ घोषणाएं की जा सकती थीं।
  • भारत ब्रिटेन से 5 घंटे 30 मिनट आगे है, इसलिए भारत में शाम 5 बजे का समय सुबह के 11 बजकर 30 मिनट के बराबर था। 

यशवंत सिन्हा ने बदला समय

भारत को आजादी मिलने के बाद भी शाम 5 बजे ही बजट पेश किया जाता रहा। 1999 तक ऐसा ही चलता रहा, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट पेश करने का समय बदल दिया और सुबह 11 बजे इसे पेश करने का समय तय किया गया। 

क्यों बदला गया समय?

  • बजट पेश करने का समय दो कारणों से बदला गया। दरअसल, पहला कारण भारत अब ब्रिटिश उपनिवेश नहीं था इसलिए पुराने समय का पालन करने का कोई कारण नहीं था। 
  • दूसरा यह कि सांसदों और अधिकारियों को बजट का अध्ययन करने और चर्चा करने के लिए अधिक समय मिले, इसलिए समय बदला गया।
  • वर्ष 1999 को 27 फरवरी को यशवंत सिन्हा ने पहली बार केंद्रीय बजट सुबह 11 बजे पेश किया। हालांकि, इसके बाद यही समय चलता आया। 

बजट की ये परंपराएं भी टूटीं

पहले बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश होता था, लेकिन पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस परंपरा को तोड़ते हुए 1 फरवरी को बजट पेश करना शुरू किया था। यह बदलाव 1 अप्रैल को नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से नई बजटीय नीतियों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए किया गया था। अतिरिक्त महीना मिलने से सरकार योजनाओं को सही से क्रियान्वित करने का समय मिलता था।

पहले रेल बजट अलग से पेश होता था, लेकिन 2016 में रेल बजट को केन्द्रीय बजट में मिला दिया गया, जिससे 92 वर्ष पुरानी परंपरा समाप्त हो गई।

यह भी पढ़ें- आर्थिक सर्वे में क्या होता है खास, क्यों है इसे बजट से एक दिन पहले पेश करने की परंपरा?