Budget 2024: आर्थिक सफलताओं के रिपोर्ट कार्ड के साथ राजनीतिक संदेश भी, 2047 के विकसित भारत का रोडमैप तैयार
पुराने रिकॉर्ड को देखें तो इस बात की उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश होने वाला अंतरिम बजट में भी एक तरफ जहां पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाया जाएगा तो इसमें दूसरी तरफ वर्ष 2047 के विकसित भारत के लक्ष्यों को हासिल करने की भावी नीतियों का एक रोडमैप होगा।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। वह दौर अलग था जब अंतरिम बजट को सरकार सिर्फ अपने तीन महीने के कार्यकाल के लिए खर्चे मांगने का जरिया मानती थी। अब नहीं। कम से कम पिचले दो दशकों में पेश की गई चार अंतरिम बजटों के आकलन का लब्बोलुआब यह है कि इसके जरिए सरकार राजनीतिक संदेश देने की जबरदस्त कोशिश करती हैं। वर्ष 2004-05 में वित्त मंत्री जसवंत सिंह, वर्ष 2009-10 में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, वर्ष 2014-15 में वित्त मंत्री पी चिदंबरम और वर्ष 2019-20 में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल की तरफ से पेश अंतिरम बजट में एक समान बात यह थी कि सभी ने अपनी सरकार के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर पहुंचाने का वादा किया और अपनी सधी आर्थिक नीतियों के लिए सरकार की पीठ थपथपाई।
तीन महीने का आवंटन लेने का अधिकार
हालांकि पिछले दो अंतरिम बजटों (वर्ष 2014 व वर्ष 2019) में यह बात ज्यादा स्पष्ट होती है कि उक्त वित्त मंत्रियों ने नई घोषणाएं भी करना शुरू कर दिया। इसके पहले अंतरिम बजट में नई घोषणाओं से अमूमन परहेज किया जाता रहा है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सरकार के पास इसका नैतिक अधिकार नहीं है ।अंतरिम बजट पेश होने के बाद जब इस पर संसद की मंजूरी मिल जाती है तभी सरकार को भारत सरकार की समेकित निधि से तीन महीने का आवंटन लेने का अधिकार मिलता है।
पिछले दस वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाया
पुराने रिकॉर्ड को देखें तो इस बात की उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश होने वाला अंतरिम बजट में भी एक तरफ जहां पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाया जाएगा तो इसमें दूसरी तरफ वर्ष 2047 के विकसित भारत के लक्ष्यों को हासिल करने की भावी नीतियों का एक रोडमैप होगा।भारत की अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
सीतारमण की तरफ से पेश किया जाने वाला यह छठा बजट होगा। यह भी माना जा रहा है कि इस अंतरिम बजट के आम चुनाव, 2024 की दुदुंभी भी बज जाएगी।पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने अंतरिम बजट 2004-05 में कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था अभी जैसी स्थिति में है वैसी स्थिति आजादी के पहले 50 वर्षों में नहीं रही।
2014 के अंतरिम बजट की घोषणाएं
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस बात को स्वीकार किया जा रहा है कि भारत तेजी से आगे बढ रहा है। यही बात सीधे तौर पर या परोक्ष तौर पर वर्ष 2009-10 में पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, वर्ष 2014-15 में वित्त मंत्री पी चिदंबरम और वर्ष 2019-20 में पीयूष गोयल ने कही। कार्यवाहक मंत्री गोयल ने किसानों को 6,000 रुपये सालाना देने के लिए पीएम-किसान योजना, मछली पालन के लिए एक नया विभाग बनाने और आय कर छूट की सीमा बढ़ाने जैसे ऐलान किया। सरकार सत्ता में वापस आई तो इन सभी घोषणाओं को अमल में लाया गया। लेकिन चिदंबरम ने वर्ष 2014 के अंतरिम बजट में जो घोषणाएं की थी उन्हें वह अमल में नहीं ला पाये।आम जनता को सब्सिडी का पैसा सीधे बैंक खाते में
आम चुनाव, 2014 में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई थी। लेकिन यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने, देश भर में आम जनता को सब्सिडी का पैसा सीधे बैंक खाते में देने जैसे कामों का जो श्रेय भाजपा सरकार ने बाद में लिया उसकी घोषणा अंतरिम बजट 2014 में ही की गई थी। चिदंबरम ने अपने भाषण में यह भी कहा था कि उनकी सरकार सैन्य बलों के लिए 'वन रैंक वन पेंशन' को सैद्धांतिक तौर पर मंजूर करती है। सनद रहे कि उस समय यह बहुत बड़ा मुद्दा था और देश भर में सैनिक आंदोलनरत थे।
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