Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया अपना सबसे छोटा बजट भाषण, महज 56 मिनट में खत्म हो गई स्पीच
पिछले मौकों की तरह सीतारमण के बजट भाषण में तमिल कवियों और विचारकों का कोई जिक्र नहीं था लेकिन उन्होंने लगभग आठ बार प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र किया और उनके भाषणों को उद्धृत किया। भाषण से पहले निर्मला सीतारमण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने पहुंची। वहां पर राष्ट्रपति ने दही चीनी खिलाकर वित्त मंत्री को बट पेश करने के लिए भेजा।
पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को 56 मिनट के भाषण के साथ अपना छठा बजट पेश किया। बता दें कि यह उनका अब तक का सबसे छोटा भाषण था। नीले रंग की कढ़ाई वाली कांथा रेशम की साड़ी पहने हुए, जब सीतारमण ने अपना भाषण दिया, तो सत्ता पक्ष ने नियमित अंतराल पर इसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि जुलाई में हमारी सरकार द्वारा पूर्ण बजट पेश की जाएगी, उनकी इस टिप्पणी को सबसे उत्साह के साथ सराहा गया।
अब तक का सबसे छोटा भाषण
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 56 मिनट का यह सीतारमण का सबसे छोटा बजट भाषण था। उन्हें 2020 में दो घंटे और चालीस मिनट का सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड बनाया है। 2019 में, भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में, सीतारमण का बजट भाषण दो घंटे और 17 मिनट तक चला था। 2021 में उनका भाषण एक घंटे 50 मिनट तक चला, उसके बाद 2022 में 92 मिनट और 2023 में 87 मिनट तक चला।
राष्ट्रपति मुर्मू ने दही-चीनी खिलाकर भेजा
पिछले मौकों की तरह सीतारमण के बजट भाषण में तमिल कवियों और विचारकों का कोई जिक्र नहीं था, लेकिन उन्होंने लगभग आठ बार प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र किया और उनके भाषणों को उद्धृत किया। सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और भागवत कराड के साथ ही वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने सीतारमण को एक चम्मच दही और चीनी दी और केंद्रीय बजट पेश करने के लिए शुभकामनाएं दीं।कायम रही पुरानी परंपरा
अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने एफडीआई के नए विस्तार को गढ़ा - पहला, भारत का विकास करें और जीडीपी के लिए - शासन, विकास और प्रदर्शन का जिक्र किया। सीतारमण ने कहा, "सकल घरेलू उत्पाद के मामले में उच्च वृद्धि हासिल करने के अलावा, सरकार अधिक व्यापक 'जीडीपी' यानी 'शासन, विकास और प्रदर्शन' पर समान रूप से ध्यान केंद्रित कर रही है।"
2019 में, वित्त मंत्री सीतारमण ने पारंपरिक बजट ब्रीफकेस को हटा दिया और इसके बजाय भाषण और अन्य दस्तावेजों को टैबलेट कंप्यूटर पर ले जाने के लिए राष्ट्रीय प्रतीक के साथ 'बही-खाता' का इस्तेमाल किया, जो परंपरा गुरुवार को कायम रही।
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