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NPS Vatsalya Scheme: क्या है NPS वात्सल्य योजना, जिसका बजट में हुआ एलान; कैसे सुरक्षित होगा बच्चों का भविष्य?

What is Vatsalya Scheme अब नाबालिग बच्चों का वित्तीय भविष्य सुरक्षित होगा। वह भी एनपीएस का हिस्सा बन सकेंगे। केंद्र सरकार ने नाबालिग बच्चे के लिए एनपीएस में निवेश की घोषणा की है। यह निवेश नई योजना एनपीएस वात्सल्य के माध्यम से माता-पिता और अभिभावक कर सकेंगे। बच्चों के बालिग होने पर यह खाता सामान्य एनपीएस अकाउंट में तब्दील हो जाएगा।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 23 Jul 2024 08:17 PM (IST)
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NPS Vatsalya scheme: सरकार ने नई योजना वात्सल्य का किया एलान। (फोटो- एएनआई)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश किया। इसमें सरकार ने नई पेंशन योजना (NPS) 'वात्सल्य' का एलान किया है। योजना के मुताबिक अब माता-पिता और अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों के नाम पर इस योजना में निवेश कर सकेंगे। नाबालिग बच्चों के वयस्क होने पर उनके खाते को सामान्य एनपीएस खाते में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इस योजना से युवाओं का वित्तीय भविष्य सुरक्षित होगा।

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यह है योजना

एनपीएस वात्सल्य योजना की शुरुआत अभी नहीं हुई है। बजट में सिर्फ एलान किया गया है। सरकार का कहना है कि जल्द ही योजना को शुरू किया जाएगा। यह योजना नाबलिगों की खातिर होगी। इसमें माता-पिता और अभिभावक बच्चे के नाम पर एनपीएस खाते में निवेश करने के योग्य होंगे। बच्चे के 18 साल पूरे होने पर उसका खाता एक सामान्य एनपीएस खाते में बदल जाएगा। भविष्य में आपके बच्चों को एकमुश्त राशि और पेंशन का लाभ मिलेगा।

क्या है एनपीएस?

एनपीएस एक टैक्स सेविंग स्कीम है। इस योजना के मुताबिक 18 से 60 साल के बीच कोई भी व्यक्ति अपना एनपीएस खाता देश के किसी भी बैंक में खोल सकता है। 60 साल की उम्र के बाद निवेशक को धनराशि का एक हिस्सा मिलता है। जबकि दूसरा हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलता है। अभी तक कोई भी नाबालिग इस योजना में निवेश नहीं कर सकता था। मगर अब वात्सल्य के तहत नाबालिग के नाम पर भी माता-पिता निवेश कर सकेंगे। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) एनपीएस को रेगुलेट करती है।

एनपीएस में होते हैं दो तरह के खाते

एनपीएस की शुरुआत सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए की गई थी। हालांकि 2009 में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी इसका लाभ दिया गया है। इस योजना में टियर-1 और टियर-2 के तहत निवेश किया जा सकता है। टियर-1 को रिटायरमेंट खाता और टियर-2 को वॉलंटरी खाता कहा जाता है।

हर साल निवेश करना जरूरी

जब आप खाता खुलवाते हैं तो टियर-1 में 500 रुपये और टियर-2 में 1000 का निवेश करना होता है। एनपीएस एक नियमित निवेश योजना है। इसमें हर साल योगदान देना अहम है। सेवानिवृत्त होने पर निवेश राशि का 60 फीसदी हिस्सा एकमुश्त मिलता है। वहीं बाकी बचा 40 फीसदी हिस्सा पेंशन स्कीम के तहत मिलता है।

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