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Budget 2024: सशक्त नारी से समृद्ध भारत की राह हुई आसान, हर क्षेत्र में महिलाओं ने बढ़ाया देश का मान

वित्तमंत्री ने महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। जिसमें महिलाओं को तीन तलाक के शाप से मुक्त करने के लिए कानून लाए जाने और महिला उद्यमियों को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण देने को प्रमुखता से उजागर किया। सरकार ये मानती है कि अगर देश को समृद्ध और सशक्त करना है तो उसके लिए महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना होगा।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 01 Feb 2024 08:03 PM (IST)
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Budget 2024: सशक्त नारी से समृद्ध भारत की राह हुई आसान (Jagran Photo)
माला दीक्षित, नई दिल्ली। मोदी सरकार का अगर पिछले दस सालों का रिपोर्ट कार्ड देखा जाए तो दस में से सात योजनाओं के केंद्र बिंदु में महिलाएं होती हैं। इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सशक्त नारी के जरिए समृद्ध भारत की राह गढ़ने की सोच है और इस सोच को सरकार ने अपनी कार्यशैली में पूरी तरह से उतारा भी है।

महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना होगा

गुरुवार को वित्तमंत्री ने महिला सशक्तिकरण के लिए दस सालों में किए कामों की उपलब्धियां गिनाईं। जिसमें महिलाओं को तीन तलाक के शाप से मुक्त करने के लिए कानून लाए जाने और महिला उद्यमियों को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण देने को प्रमुखता से उजागर किया। सरकार ये मानती है कि अगर देश को समृद्ध और सशक्त करना है तो उसके लिए महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना होगा। इसके लिए महिलाओं के जीवन को सुगम बनाना, उन्हें शिक्षित करना और सुरक्षा के साथ ही उनके सम्मान की रक्षा सुनिश्चित करनी होगी। इन चीजों को ध्यान में रखकर ही सरकार ने पिछले दस वर्ष की योजनाएं और कार्यक्रम चलाए।

मोदी सरकार की दस वर्षों की उपलब्धियां

वित्तमंत्री ने सरकार की दस वर्षों की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि उद्यमिता, सुगम्य जीवन और महिलाओं के लिए सम्मान के माध्यम से उनके सशक्तीकरण को दस वर्षों में गति मिली है। सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा ऋण योजना शुरू की और महिला उद्यमियों को 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण दिये गए हैं। दस वर्षों में उच्चतर शिक्षा में महिलाओं का नामांकन 28 प्रतिशत बढ़ा है।

महिलाओं की बढ़ती भागेदारी

साइंस, टेक्नालाजी, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट (स्टेम) पाठ्यक्रमों में 43 प्रतिशत नामांकन बालिकाओं और महिलाओं का है जो दुनिया में सबसे अधिक है। इन सभी उपायों का असर कार्यबल (वर्क फोर्स) में महिलाओं की बढ़ती भागेदारी के रूप में दिखाई दे रहा है। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के भय से मुक्त करने के लिए तीन तलाक को गैर कानूनी ठहराने वाला कानून लागू किया गया।

एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित

राजनैतिक रूप से महिलाओं को सशक्त करने और उनकी एक निश्चित भागेदारी सुनिश्चित करने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाया गया जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रविधान है। महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें अधिकार संपन्न करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहलू उन्हें घर का मालिकाना हक मिलना भी है।

पीएम आवास योजना का मिला लाभ

पीएम आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को एकल या संयुक्त मालिकों के रूप में 70 प्रतिशत से अधिक घर देने से उनका सम्मान बढ़ा है। महिलाओं के स्वास्थ्य और किशोरियों के पोषण पर भी सरकार का काफी ध्यान है अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पोषण पीएम) योजना में पिछले वर्ष 10000 करोड़ खर्च हुए थे जबकि इस वर्ष अंतरिम बजट में उसे बढ़ा कर 12467 कर दिया गया है।

मिशन शक्ति से महिलाओं को मिला बल

मिशन शक्ति (महिला संरक्षण और सशक्तिकरण मिशन) का बजट भी पिछले वर्ष 2326 करोड़ था जो कि इस अंतरिम बजट में बढ़ा कर 3146 करोड़ कर दिया गया है। एलपीजी कनेक्शन का भी सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं को मिलता है उन्हें धुएं वाले चूल्हे से मुक्ति मिलती है और उनका जीवन आसान हो जाता है इस दिशा में देखा जाए तो सरकार ने गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने का बजट भी पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ा दिया है।

आत्मनिर्भर बनाना सरकार का लक्ष्य

अंतरिम बजट में नौ से 14 वर्ष की किशोरियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाव का टीका लगाने की योजना हो या आंगनवाड़ी और आशा वर्कर को आयुष्मान कार्ड में कवर करने की योजना ये सब दिखाती हैं देश की नारी को स्वस्थ, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना इस सरकार का लक्ष्य है। इससे देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में आधी आबादी की बराबरी की भागेदारी सुनिश्चित होगी।

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