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बजट में दो राज्यों को विशेष पैकेज देने पर मचा घमासान! आखिर क्यों नहीं मिल सकता बिहार को विशेष राज्य का दर्जा?

Budget 2024 वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि राज्यों को यूपीए शासनकाल में भी अतिरिक्त सहायता मिलते रहे हैं ऐसे में बिहार और आंध्र प्रदेश को दिए जाने वाले पैकेज का विरोध करना ठीक नहीं है। सूत्रों का दावा है कि बिहार को यूपीए शासनकाल में लागू की गई व्यवस्था के कारण ही विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल पाया है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 24 Jul 2024 11:45 PM (IST)
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विशेष राज्य का दर्जा देने की व्यवस्था यूपीए के शासनकाल में समाप्त की गई: सूत्र (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए अलग से वित्तीय प्रविधान पर विपक्ष के आरोप के जवाब में वित्त मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि बजट प्रविधान से पूरे देश का विकास होता है और इस प्रकार का आरोप लगाना गलत है।

मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि बजट में पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) के मद में 11.11 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है तो क्या यह राशि सिर्फ बिहार और आंध्र प्रदेश पर खर्च की जाएगी। यह राशि पूरे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर खर्च होगी। बजट का हर दस्तावेज बता रहा है कि देश का एक-एक रुपया कहां और किस मद में खर्च हो रहा है। अगर बिहार और आंध्र प्रदेश के विकास के लिए अलग से सहायता नहीं दी जाती तो यह कहा जाता कि इन्हें कुछ नहीं दिया। विपक्ष की तरफ से इस प्रकार की धारणा फैलाना मुनासिब नहीं है।

राज्यों को पहले भी दी जाती थी अतिरिक्त सहायता

वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक क्या यूपीए शासनकाल में भी कई राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता नहीं दी जाती थी, लेकिन अभी यह बोला जा रहा है कि बिहार और आंध्र प्रदेश के अलावा किसी राज्य को कुछ नहीं दिया, यह कहना गलत है। जो लोग यह कह रहे हैं उन्हें बजट का पूरा दस्तावेज पढ़ना चाहिए। बजट में जो औद्योगिक पार्क बनाने की घोषणा की गई उससे देश के सभी राज्यों में नौकरियां निकलेंगी। हाल ही में प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में भी कई विकास योजनाओं की शुरुआत की है। विकास की यह प्रक्रिया चलती रहती है।

यूपीए शासनकाल में समाप्त की गई व्यवस्था

वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की व्यवस्था यूपीए के शासनकाल में समाप्त की गई। रघुराम राजन कमेटी और वित्त आयोग की सिफारिश की वजह से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है और यह सारी व्यवस्था यूपीए काल में लागू की गई। वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक कई बड़ी कंपनियों ने चीन से टेक्नोलॉजी मंगाने को लेकर इजाजत देने की मांग की है, जिस पर चर्चा की जा रही है। लेकिन अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है।

चीनी कंपनियों को भारत आने देने की चर्चा

कुछ बड़ी कंपनियों का कहना है कि चीन से आयात की जगह हम उनकी टेक्नोलॉजी को साझा कर सकते हैं और इसके लिए चीन की कंपनियों को यहां बुलाया जा सकता है, लेकिन अभी इस पर चर्चा ही हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण में चीन से आयात कम करने के लिए चीन से विदेशी निवेश को इजाजत देने की सिफारिश की गई है। इसके बाद से चीन की कंपनियों को भारत में आने देने की चर्चा तेज हो गई है।