Budget Analysis: UPA सरकार 2.0 के पहले बजट से कितना अलग है मोदी सरकार 3.0 का Budget, जानिए खास बातें
Budget 2009 vs Budget 2024 मोदी सरकार 3.0 ने अपने पहले आम बजट में कई योजनाओं का एलान किया। सरकार का मानना है कि यह बजट विकसित भारत के लक्ष्य का नींव रखेगा। मोदी सरकार का लक्ष्य है कि साल 2047 तक हमारा देश विकसित भारत बनकर उभरे। आइए यूपीए सरकार 2.0 के पहले बजट की तुलना मोदी सरकार 3.0 से करते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आज मोदी सरकार (Modi Government) के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए नौ सूत्रीय योजनाओं का भी एलान किया।
मोदी सरकार 3.0 ने अपने पहले आम बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए बजट का खजाना खोल दिया। सरकार का मानना है कि यह बजट विकसित भारत के लक्ष्य का नींव रखेगा। मोदी सरकार का लक्ष्य है कि साल 2047 तक हमारा देश विकसित भारत बनकर उभरे।
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में नाकामयाब रही थी, इसलिए इस बार भाजपा को एनडीए के घटक दलों के साथ तालमेल बिठाकर सरकार चलाने की जरूरत है। बजट से पहले काफी चर्चा हो रही थी कि क्या मोदी सरकार इस बजट में अपने एनडीए घटक दलों को खुश कर सकेगी या नहीं। हालांकि, बजट सामने आने के बाद नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू काफी उत्साहित दिखे।
यूपीए सरकार 2009-10 का कैसा रहा था बजट?
आइए आज एनडीए की मौजूदा सरकार द्वारा पेश किए गए इस बजट की तुलना साल 2009-2010 के यूपीए सरकार से करें। बता दें कि साल 2009 में कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए सरकार ने आम बजट पेश किया था।
- फर्टिलाइजर्स के लिए न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी देने पर विचार किया गया था। पेट्रोलिंग प्राइसिंग को एक्सपोर्ट ग्रुप की तरफ से स्टडी करने की बातें कही गई थी।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स में डायरेक्ट छूट की सीमा 15 हजार रुपये जबकि बाकी सभी नागरिकों के आयकर में 10 हजार रुपये की छूट दी गई थी। आयकर के ऊपर लगे 10 फीसदी सरचार्ज हटाया गया था।
- रेलवे, कोस्टल और इनलैंड वाटरवे के जरिए भेजी जाने वाली वस्तुओं पर सर्विस टैक्स लगाया गया था। प्रत्यक्ष कर में डायरेक्ट टैक्स कोड के जरिए अप्रत्यक्ष करों में 1 अप्रैल 2010 से जीएसटी लाकर टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव का प्रस्ताव लाया गया था।
- गौरतलब है कि लेहमन संकट की वजह से एक्सपोर्ट और इंश्योरेंस प्रोटेक्शन के लिए आर्थिक मदद का एलान किया गया था।
बजट 2024-25 में क्या रहा खास?
- 1 लाख रुपए से कम सैलेरी होने पर, EPFO में पहली बार रजिस्टर करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद तीन किश्तों में मिलेगी।
- एजुकेशन लोन, जिन्हें सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में एडमिशन के लिए लोन मिलेगा। लोन का 3 परसेंट तक पैसा सरकार देगी। इसके लिए ई वाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल एक लाख स्टूडेंट्स को मिलेंगे।
- किसान, युवा, महिला और गरीबों के विकास के लिए अलग-अलग योजनाओं के जरिए बेनिफिट स्कीम लाई जाएगी। 6 करोड़ किसानों की जानकारी लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी।
- 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
- बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल,ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए विशेष स्कीम।
- बजट 2024 में कृषि और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
- इसके साथ सरकार ने एलान किया कि छह करोड़ किसानों की जानकारी लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी।
- इस बार बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव किए गए। इनकम टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव किए गए ।
- नई टैक्स रिजीम में 0 से लेकर 3 लाख तक में कोई टैक्स नहीं।
- नई कर व्यवस्था में तीन लाख तक कर मुक्त किया गया। नौकरीपेशा को राहत, 3 लाख तक की आय कर मुक्त; स्टैंडर्ड डिडक्शन 50000 से बढ़कर 75000 रुपये किया गया।