बजट सत्र से पहले केंद्र सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, विपक्ष से की संसद की पवित्रता बनाए रखने की अपील
Budget session 2024 संसद के बजट सत्र से पहले केंद्र सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस दौरान सरकार ने भरोसा दिलाया कि वह किसी भी मुद्दे पर सदन के पटल पर चर्चा करने के लिए तैयार है। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि संसद की कार्यवाही के दौरान इसकी पवित्रता बनाए रखनी चाहिए।
एएनआई, नई दिल्ली। सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र से पहले रविवार को केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों से चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर नेताओं के साथ सरकार ने चर्चा की।
18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के दोनों सदनों के फ्लोर लीडर्स की पहली बैठक में राजनाथ सिंह ने सभी नेताओं का स्वागत किया। बैठक में 41 राजनीतिक दलों के 55 नेताओं ने भाग लिया। बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि संसद का बजट सत्र 22 जुलाई को शुरू होगा और सरकारी कामकाज की अनिवार्यताओं के अधीन सत्र 12 अगस्त को समाप्त हो सकता है।
23 जुलाई को पेश होगा बजट
रिजिजू ने कहा कि सत्र में 22 दिनों में 16 बैठकें होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि सत्र मुख्य रूप से 2024-25 के केंद्रीय बजट के लिए समर्पित होगा, जो 23 जुलाई को लोकसभा में पेश किया जाएगा। रिजिजू ने कहा, 'हालांकि, सत्र के दौरान आवश्यक विधायी और अन्य कामकाज भी किए जाएंगे।' रिजिजु ने बताया कि भारत का आर्थिक सर्वेक्षण सोमवार को संसद के सदनों के पटल पर रखा जाएगा। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का 2024 का बजट भी 23 जुलाई को पेश किया जाएगा।'सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार'
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने आगे कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर सदन के पटल पर चर्चा करने के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने संसद के दोनों सदनों के सुचारू कामकाज के लिए सभी दलों के नेताओं से सक्रिय सहयोग और समर्थन का भी अनुरोध किया। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा भी शामिल हुए। बैठक का समापन करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए सभी नेताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें संसद की कार्यवाही के दौरान इसकी पवित्रता बनाए रखनी चाहिए।