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बजट सत्रः राष्ट्रपति अभिभाषण में बोले- संसद में बहस हो गतिरोध नहीं

संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए कहा कि संसद में बहस होनी चाहिए नाकि गतिरोध। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों पर बोलते हुए कहा कि किसानों की समृद्धि और गरीबों

By Sachin MishraEdited By: Updated: Tue, 23 Feb 2016 03:07 PM (IST)
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नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए कहा कि संसद में बहस होनी चाहिए नाकि गतिरोध। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों पर बोलते हुए कहा कि किसानों की समृद्धि और गरीबों की उन्नति के लिए बचनबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सरकार मुख्य उद्देश्य सबका साथ सबका विकास है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ संसद का बजट सत्र शुरू, देखें तस्वीरें

उन्होंने संसद के दोनों सदनों को मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि पीएम मोदी की जनधन योजना दुनिया की सबसे सफल समावेशी योजना रही है। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार का उद्देश्य गरीब से गरीब लोगों तक विकास पहुंचाना है। साथ साथ उन्होंने ये भी बताया कि सरकार 2022 तक सभी लोगों को घर उपलब्ध कराने तक वचनबद्ध है।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया से 39 फीसदी विदेशी निवेश की बढ़ोत्तरी हुई है।

जानिए राष्ट्रपति के अभिभाषण की खास बातेंः

जन धन योजना सबसे सफल योजना बनी: प्रणब मुखर्जी
* गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंचाना है विकास
* खाद्य सुरक्षा और सबको घर हमारी प्राथमिकता
* SC/ST कानून का सख्ती से पालन हो
* बैंक अकाउंट खुलने से गरीबी कम होने की उम्मीद। 4.45 लाख घर बनाने को 24,600 करोड़ का फंड
* 62 लाख लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी
* हमारा उद्देश्य गरीब से गरीब लोगों तक विकास पहुंचाना है
* देश के विकास के लिए हमारे किसानों की समृद्धि जरूरी
* बीमा, पेंशन योजना का लाभ भी सीधे ज़रूरतमंदों को
* सरकार 2022 तक सबकों मकान देने के लिए वचनबद्ध
* 33 प्रतिशत फसल नुकसान पर मुआवजा दिया जाएगा
* किसानों के लिए 24 घंटे का टीवी चैनल शुरू किया गया
* ग्रामीण क्षेत्रों का विकास सबसे बड़ी प्राथमिकता
* पिछले साल 5 मेगा फूड प्रोसेसिंग पार्क बनाए गए
* नीली क्रांति से मत्स्य उत्पादन में वृद्धि की कोशिश

*स्वच्छ भारत के तहत स्कूलों 4.17 लाख शौचालयों का निर्माण हुआ

12वें दक्षिण-पूर्व एशियाई खेलों का सफल आयोजन

20,000 बच्चों को स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग

बिजली की कमी चार फीसदी से घटकर 3.2 फीसदी हुई

'डिजिटल इंडिया' हमारी सरकार की सबसे बड़ी सफलता

मेरी सरकार ने रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में साफ-सफाई के स्तर में सुधार लाने के लिए कई महत्वाकांक्षी कदम उठाए हैं

रेलवे क्षेत्र में सुधार का काम लागातार जारी है

कालेधन कानून से अच्छे नतीजे आ रहे हैं

'वन रैंक, वन पेंशन' का वादा पूरा किया

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद पहुंचे। आज से शुरू हो रहे बजट सत्र से एक दिन पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी विपक्ष के तेवर हमलावर रहे। मुख्य मुद्दा था प्रधानमंत्री का विपक्ष पर एनजीओ के इशारे पर राजग सरकार को बदनाम करने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी।

हालांकि, सरकार ने सभी मुद्दों पर बहस के लिए तैयार रहने की बात कर विपक्ष को विरोध या नाराजगी जताने के बहुत ज्यादा अवसर नहीं दिए। तो वहीं संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा है कि सरकार संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

जेएनयू, जाट आरक्षण, रोहित वेमुला की आत्महत्या और अरुणाचल प्रदेश जैसे मुद्दों पर जहां सरकार ने चर्चा के लिए तैयार रहने की बात कही। वहीं, विपक्षी दलों ने कहा कि वे भाजपा नेताओं या मंत्रियों के बयानों के बीच सरकार की तरफ से कार्रवाई न होने के लिए सरकार को घेरेंगे।

संकेत हैं कि सदन में शीतकालीन सत्र की तुलना से तो काम ज्यादा होगा, लेकिन जीएसटी और रीयल एस्टेट जैसे बिलों को पास कराना आसान नहीं होगा। हालांकि, सरकार पूरी कोशिश कर रही है। विपक्ष भी बजट सत्र में सहयोग की बात तो कर रहा है। मगर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक के बाद लोकसभा अध्यक्ष की तरफ से बुलाई गई बैठक में भी उसके तेवर तल्ख हैं। बैठक में कांग्रेस और वामपंथी दलों ने सरकार के रुख पर कड़े सवाल उठाए।

खासतौर से जेएनयू और जाट आंदोलन जैसे ताजातरीन मुद्दों पर। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाकर समान विचारधारा वाले दलों को लामबंद करने की कवायद भी शुरू कर दी। सोनिया ने मोदी सरकार पर अपनी समझ खो देने का आरोप लगाया। जेएनयू प्रकरण पर कांग्रेस समिति की बैठक में उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने जैसी विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर बजट सत्र में इस मुद्दे को उठाएगी।

एनजीओ के इशारे पर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश वाले प्रधानमंत्री के बयान पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी खासे उखड़े नजर आए। आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री के आरोप बजट सत्र के दौरान विपक्ष के हमलों को कम करने का एक तरीका है। आजाद ने आरोप लगाया कि जेएनयू मसले से शुरू हुई वार्ता अब राष्ट्रवाद पर आ गई है। साथ ही उन्होंने सरकार और पार्टी की तरफ से होने वाली बयानबाजी पर प्रधानमंत्री को निष्क्रिय करार दिया।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने जेएनयू मामले में सरकार पर गलत तथ्य लगाने का आरोप लगाया। साथ ही जर्मनी में हिटलर के शासन से तुलना की और कहा कि उस समय गलत तथ्यों से राइसटाग बिल्डिंग को जलाया गया था, जिसकी परिणति दूसरे विश्वयुद्ध के रूप में हुई थी। येचुरी ने जेएनयू विवाद पर राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाने को हिटलर की रणनीति जैसा करार दिया। वहीं, तृणमूल के नेता सुदीप बंदोपध्याय ने कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी सत्ताधारी दल की है।

हालांकि, बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने साफ किया कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री अपनी तरफ से पहल कर चुके हैं। खुद वेंकैया ने कांग्रेस अध्यक्ष से मिलने जाने का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष जिस मुद्दे पर चर्चा चाहता है, सरकार उसे कराएगी। उसे उम्मीद है कि सत्र में इस दफा कामकाज ठीक से होगा और जीएसटी जैसे बिल भी पास होंगे।

दो चरणों में 13 मई तक चलेगा बजट सत्र :
25 फरवरी को रेल बजट, 26 फरवरी को आर्थिक सर्वे और 29 फरवरी को बजट आना है। 23 फरवरी से 16 मार्च तक बजट सत्र का पहला चरण चलेगा। बजट सत्र का दूसरा चरण 25 अप्रैल से 13 मई तक चलेगा। संसद में फंसे अहम बिलों में से जीएसटी बिल, व्हिसिल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन बिल (संशोधित) और इंडस्ट्रीज (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) संशोधन बिल हैं। कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, बेनामी ट्रांजैक्शंस (संशोधित) बिल, लैंड एक्विजिशन बिल और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन (संशोधित) बिल जैसे विधेयक संसद में लटके हुए हैैं।

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