बुलंदशहर हिंसाः किसने काटा गोवंश, चौंकाने वाली खुफिया रिपोर्ट
दो दिनों से जांच कर रहे एडीजी इंटेलीजेंस एसबी शिराड़कर की रिपोर्ट भी चौंकाने वाली है। इसमें साजिश का जिक्र है। साजिश किसने की, रिपोर्ट में नाम नहीं है।
By Vikas JangraEdited By: Updated: Thu, 06 Dec 2018 07:34 AM (IST)
मुनीश शर्मा/सर्वेद्र पुंडीर/मुकेश त्यागी। बुलंदशहर के चिंगरावठी हिंसा के पीछे बड़ी साजिश है, यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बता चुके हैं। दो दिनों से जांच कर रहे एडीजी इंटेलीजेंस एसबी शिराड़कर की रिपोर्ट भी चौंकाने वाली है। इसमें साजिश का जिक्र है। साजिश किसने की, रिपोर्ट में नाम नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में बिना नाम के गोवंश किसने काटा, यह इशारा किया गया है। वहीं, बुधवार को गोवंश काटने को लेकर एक वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें किसी भुल्लन का नाम लिया जा रहा है। यह भुल्लन कौन है और इसका मकसद क्या था। इसकी एसआइटी के अलावा पुलिस अधिकारियों ने भी जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में बिना नाम के गोवंश किसने काटा, यह इशारा किया गया है। वहीं, बुधवार को गोवंश काटने को लेकर एक वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें किसी भुल्लन का नाम लिया जा रहा है। यह भुल्लन कौन है और इसका मकसद क्या था। इसकी एसआइटी के अलावा पुलिस अधिकारियों ने भी जांच शुरू कर दी है।
45 मिनट कहां रहा योगेश राज?
बुधवार को बजरंग दल के संयोजक व इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या में मुख्य आरोपित योगेश राज का एकवीडियो सामने आया। इसमें वह खुद को घटना के समय थाने में होने की बात कर रहा है। दैनिक जागरण ने इसकी पड़ताल की तो पुलिस की लिखापढ़ी का संज्ञान लिया।
योगेश राज की तरफ से एफआइआर 12:43 मिनट पर दर्ज की गई। योगेश राज को एफआइआर की कॉपी 12:50 पर दे दी गई। स्याना थाने के मुंशियों ने उच्चाधिकारियों को दिए बयानों में कहा है कि 12:50 पर ही योगेश थाने से निकल गया। झगड़ा एक बजे शुरू हुआ और करीब 1:35 मिनट पर इंस्पेक्टर को गोली मारी गई।
थाने से घटनास्थल की दूरी 11 किलोमीटर है। सवाल है कि क्या 45 मिनट में योगेश राज 11 किलोमीटर का सफर करके घटनास्थल पर नहीं पहुंच सकता। पुलिस अधिकारी यही बोल रहे हैं कि योगेश थाने से निकलकर सीधे घटनास्थल पर पहुंचा और लोगों को भड़काया। हाथों में ईट-पत्थर लिए क्या ये मृतक युवक है?
बुधवार को वायरल हुए एक वीडियो में कुछ युवक पत्थर फेंक रहे हैं। पुलिस को गालियां दे रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि इस वीडियो में मृतक युवक सुमित भी दिखाई दे रहा है। हालांकि दैनिक जागरण इसकी पुष्टि नहीं करता है कि वह सुमित है या नहीं। क्योंकि मृतक सुमित के परिजनों का कहना है कि सुमित अपने दोस्त को छोड़ने के लिए गया था। उसे पुलिस ने एक साजिश के तहत गोली मारी है।
बुधवार को बजरंग दल के संयोजक व इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या में मुख्य आरोपित योगेश राज का एकवीडियो सामने आया। इसमें वह खुद को घटना के समय थाने में होने की बात कर रहा है। दैनिक जागरण ने इसकी पड़ताल की तो पुलिस की लिखापढ़ी का संज्ञान लिया।
योगेश राज की तरफ से एफआइआर 12:43 मिनट पर दर्ज की गई। योगेश राज को एफआइआर की कॉपी 12:50 पर दे दी गई। स्याना थाने के मुंशियों ने उच्चाधिकारियों को दिए बयानों में कहा है कि 12:50 पर ही योगेश थाने से निकल गया। झगड़ा एक बजे शुरू हुआ और करीब 1:35 मिनट पर इंस्पेक्टर को गोली मारी गई।
थाने से घटनास्थल की दूरी 11 किलोमीटर है। सवाल है कि क्या 45 मिनट में योगेश राज 11 किलोमीटर का सफर करके घटनास्थल पर नहीं पहुंच सकता। पुलिस अधिकारी यही बोल रहे हैं कि योगेश थाने से निकलकर सीधे घटनास्थल पर पहुंचा और लोगों को भड़काया। हाथों में ईट-पत्थर लिए क्या ये मृतक युवक है?
बुधवार को वायरल हुए एक वीडियो में कुछ युवक पत्थर फेंक रहे हैं। पुलिस को गालियां दे रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि इस वीडियो में मृतक युवक सुमित भी दिखाई दे रहा है। हालांकि दैनिक जागरण इसकी पुष्टि नहीं करता है कि वह सुमित है या नहीं। क्योंकि मृतक सुमित के परिजनों का कहना है कि सुमित अपने दोस्त को छोड़ने के लिए गया था। उसे पुलिस ने एक साजिश के तहत गोली मारी है।
कौन थे वो 6 नकाबपोश?
इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में सामने आया है कि छह युवक घटनास्थल से करीब 500 मीटर दूर बैठे थे। इन सभी युवकों के चेहरे पर नकाब था। ताकि उन्हें कोई पहचान ना सके। इसलिए रिपोर्ट में इन युवकों के नाम नहीं दिए गए हैं। अनुमान है कि यही छह युवक पूरे घटनाक्रम के साजिशकर्ता हो सकते हैं। इनकी तलाश की जा रही है। इंटेलीजेंस को दो दिन में अपनी रिपोर्ट देनी थी। बुधवार को दे दी होगी या फिर गुरुवार को दी जाएगी। इस रिपोर्ट में केस की अहम भूमिका रहेगी। कुछ वीडियो बुधवार को भी वायरल हुए हैं। इसमें मृतक सुमित भी पत्थर फेंकते हुए दिख रहा है। सभी वीडियो को जांच में शामिल किया जाएगा। लैब में भेजकर जांच भी कराई जाएगी।
- प्रशांत कुमार, एडीजी मेरठ जोन।
इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में सामने आया है कि छह युवक घटनास्थल से करीब 500 मीटर दूर बैठे थे। इन सभी युवकों के चेहरे पर नकाब था। ताकि उन्हें कोई पहचान ना सके। इसलिए रिपोर्ट में इन युवकों के नाम नहीं दिए गए हैं। अनुमान है कि यही छह युवक पूरे घटनाक्रम के साजिशकर्ता हो सकते हैं। इनकी तलाश की जा रही है। इंटेलीजेंस को दो दिन में अपनी रिपोर्ट देनी थी। बुधवार को दे दी होगी या फिर गुरुवार को दी जाएगी। इस रिपोर्ट में केस की अहम भूमिका रहेगी। कुछ वीडियो बुधवार को भी वायरल हुए हैं। इसमें मृतक सुमित भी पत्थर फेंकते हुए दिख रहा है। सभी वीडियो को जांच में शामिल किया जाएगा। लैब में भेजकर जांच भी कराई जाएगी।
- प्रशांत कुमार, एडीजी मेरठ जोन।
छह दिसंबर से पहले किसकी थी हिंसा भड़काने की साजिश!
स्याना में गोवंशों के अवशेष मिलने को लेकर हुए बवाल के बाद लोगों का आक्रोश शांत होने लगा है, लेकिन इस वारदात ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इनकी जांच में स्थानीय खुफिया एजेंसी से लेकर आला पुलिस अधिकारी जुटे हैं। आखिरकार छह दिसंबर से तीन दिन पहले किसके इशारे पर महाव गांव में एक दर्जन से अधिक गोवंशों का कटान किया गया था। कहीं इसके पीछे किसी संगठन की हिंसा फैलाने की साजिश तो नहीं थी। इस तरह की आशंका लखनऊ में बैठे आला अफसर भी जाहिर कर चुके हैं और उन्होंने वो भी पूरे प्रकरण की तह तक जाने के लिए जांच की बात कह रहे हैं।
सोमवार को जिले की पुलिस इज्तिमा में बाहर से आए लाखों अकीतदमंदों की सुरक्षा में लगी थी। इसी दिन इज्तिमा का समापन होना था, जिसमें आसपास के जिलों की लाखों अकीतदमंद को अपने-अपने वाहनों से लौटना था, लेकिन कुछ असमाजिक तत्वों ने जिले के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए रविवार रात को साजिश रचनी शुरू कर दी, जिसके तहत गोकशों ने गोकशी के लिए बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर स्टेट हाईवे से सटे गांव महाव को चुना, ताकि अगर गोकशी को लेकर तीन दिसंबर को बवाल होता है तो इसका असर सांप्रदायिक सौहार्द पर जरूर पड़ेगा और इस साजिश में गोकश सफल भी रहे, लेकिन उनके मंसूबे पर स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह ने अपनी जान देकर पानी फेर दिया। अधिकारियों ने तत्काल सूझबूझ का परिचय देते हुए इज्तिमा से लौट रहे अकीतदमंदों के वाहनों का रूट डायवर्जन कर जिले के बिगड़ते सांप्रदायिक सौहार्द को बचा लिया, लेकिन दो लोगों की जान गंवाने के बाद।चिंगरावठी चौकी के पास ही क्यों लगाया था जाम?
महाव गांव में गोवंशों के अवशेष मिलने के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर स्टेट हाईव पर गोवंशों को ट्रैक्टर-ट्राली में रख कर जाम लगा दिया था, जिस वक्त जाम लगाया था, जो उसके एक घंटे पहले अर्थात 11 बजे इज्तिमा का समापन हो गया था और इसी मार्ग से इज्तिमा शामिल अकीतदमंदों को अपने वाहनों से लौटना था, लेकिन भीड़ आरोपित गोवंशों पर कार्रवाई की मांग कर रही थी, जबकि वहां मौजूद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने आरोपितों पर थाने चलकर मुकदमा दर्ज कराने का आश्वासन दिया था। बावजूद इसके भीड़ नहीं मानी। इसके पीछे भीड़ का नेतृत्व कर रहे नेताओं की मंशा की जांच भी जांच एजेंसियों से कराई जा रही है। आरोपितों की तलाश में खाकी को सोशल मीडिया से आस
चिंगरावठी प्रकरण में कोतवाल सुबोध कुमार सिंह और युवक सुमित की जान चली गई। पुलिस दबिशों का सिलसिला जारी है। पुलिस सोशल मीडिया (फेसबुक, वाट्सएप व ट्विटर) पर वायरल हो रहे वीडियो को जोड़कर आरोपितों की तलाश में जुटी हुई है। अभी तक कुल 10 मिनट 32 सेकेंड के आठ वीडियो वायरल हुए हैं।सोमवार को बवाल के बाद सोशल मीडिया पर एक के बाद एक सात वीडियो वायरल हुई। उसके बाद मंगलवार को सुमित के गोली लगने का लगभग तीन मिनट का वीडियो वायरल हुआ है, लेकिन यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर किन परिस्थितियों में सुमित को गोली लगी और सुमित और कोतवाल सुबोध कुमार को गोली किसने मारी? जांच टीम और पुलिस सभी वीडियो को जोड़कर देख रही हैं। अभी तक आए कुल 10 मिनट 32 सेकेंड की आठ वीडियो..
1. 15 सेकेंड- चिंगरावठी चौकी पर पथराव वीडियो
2. 1.26 मिनट- वाहनों को फूंकने का वीडियो
3. 1.58 मिनट- ग्रामीणों के जाम लगाने का वीडियो
4. 35 सेकेंड- गाड़ी से लटके घायल कोतवाल का वीडियो
5. 17 सेकेंड- चौकी के जलते सामान का वीडियो
6. 22 सेकेंड- हाईवे पर पुलिस-ग्रामीणों में नोकझोंक का वीडियो
7. 1.21 मिनट- कोतवाल के ड्राइवर का वीडियो
8. 3.18 मिनट- सुमित को गोली लगने का वीडियो
स्याना में गोवंशों के अवशेष मिलने को लेकर हुए बवाल के बाद लोगों का आक्रोश शांत होने लगा है, लेकिन इस वारदात ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इनकी जांच में स्थानीय खुफिया एजेंसी से लेकर आला पुलिस अधिकारी जुटे हैं। आखिरकार छह दिसंबर से तीन दिन पहले किसके इशारे पर महाव गांव में एक दर्जन से अधिक गोवंशों का कटान किया गया था। कहीं इसके पीछे किसी संगठन की हिंसा फैलाने की साजिश तो नहीं थी। इस तरह की आशंका लखनऊ में बैठे आला अफसर भी जाहिर कर चुके हैं और उन्होंने वो भी पूरे प्रकरण की तह तक जाने के लिए जांच की बात कह रहे हैं।
सोमवार को जिले की पुलिस इज्तिमा में बाहर से आए लाखों अकीतदमंदों की सुरक्षा में लगी थी। इसी दिन इज्तिमा का समापन होना था, जिसमें आसपास के जिलों की लाखों अकीतदमंद को अपने-अपने वाहनों से लौटना था, लेकिन कुछ असमाजिक तत्वों ने जिले के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए रविवार रात को साजिश रचनी शुरू कर दी, जिसके तहत गोकशों ने गोकशी के लिए बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर स्टेट हाईवे से सटे गांव महाव को चुना, ताकि अगर गोकशी को लेकर तीन दिसंबर को बवाल होता है तो इसका असर सांप्रदायिक सौहार्द पर जरूर पड़ेगा और इस साजिश में गोकश सफल भी रहे, लेकिन उनके मंसूबे पर स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह ने अपनी जान देकर पानी फेर दिया। अधिकारियों ने तत्काल सूझबूझ का परिचय देते हुए इज्तिमा से लौट रहे अकीतदमंदों के वाहनों का रूट डायवर्जन कर जिले के बिगड़ते सांप्रदायिक सौहार्द को बचा लिया, लेकिन दो लोगों की जान गंवाने के बाद।चिंगरावठी चौकी के पास ही क्यों लगाया था जाम?
महाव गांव में गोवंशों के अवशेष मिलने के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर स्टेट हाईव पर गोवंशों को ट्रैक्टर-ट्राली में रख कर जाम लगा दिया था, जिस वक्त जाम लगाया था, जो उसके एक घंटे पहले अर्थात 11 बजे इज्तिमा का समापन हो गया था और इसी मार्ग से इज्तिमा शामिल अकीतदमंदों को अपने वाहनों से लौटना था, लेकिन भीड़ आरोपित गोवंशों पर कार्रवाई की मांग कर रही थी, जबकि वहां मौजूद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने आरोपितों पर थाने चलकर मुकदमा दर्ज कराने का आश्वासन दिया था। बावजूद इसके भीड़ नहीं मानी। इसके पीछे भीड़ का नेतृत्व कर रहे नेताओं की मंशा की जांच भी जांच एजेंसियों से कराई जा रही है। आरोपितों की तलाश में खाकी को सोशल मीडिया से आस
चिंगरावठी प्रकरण में कोतवाल सुबोध कुमार सिंह और युवक सुमित की जान चली गई। पुलिस दबिशों का सिलसिला जारी है। पुलिस सोशल मीडिया (फेसबुक, वाट्सएप व ट्विटर) पर वायरल हो रहे वीडियो को जोड़कर आरोपितों की तलाश में जुटी हुई है। अभी तक कुल 10 मिनट 32 सेकेंड के आठ वीडियो वायरल हुए हैं।सोमवार को बवाल के बाद सोशल मीडिया पर एक के बाद एक सात वीडियो वायरल हुई। उसके बाद मंगलवार को सुमित के गोली लगने का लगभग तीन मिनट का वीडियो वायरल हुआ है, लेकिन यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर किन परिस्थितियों में सुमित को गोली लगी और सुमित और कोतवाल सुबोध कुमार को गोली किसने मारी? जांच टीम और पुलिस सभी वीडियो को जोड़कर देख रही हैं। अभी तक आए कुल 10 मिनट 32 सेकेंड की आठ वीडियो..
1. 15 सेकेंड- चिंगरावठी चौकी पर पथराव वीडियो
2. 1.26 मिनट- वाहनों को फूंकने का वीडियो
3. 1.58 मिनट- ग्रामीणों के जाम लगाने का वीडियो
4. 35 सेकेंड- गाड़ी से लटके घायल कोतवाल का वीडियो
5. 17 सेकेंड- चौकी के जलते सामान का वीडियो
6. 22 सेकेंड- हाईवे पर पुलिस-ग्रामीणों में नोकझोंक का वीडियो
7. 1.21 मिनट- कोतवाल के ड्राइवर का वीडियो
8. 3.18 मिनट- सुमित को गोली लगने का वीडियो