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Mumbai-Ahmedabad Bullet Train: 2027 से दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, दिन-रात काम में जुटे हैं 25 हजार कर्मचारी

एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि जून 2026 तक बुलेट ट्रेन का ट्रायल हो जाएगा। अगस्त 2027 से ट्रेन दौड़ने लगेगी। राजेंद्र ने भारत में जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी के साथ सूरत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट स्थल का दौरा किया।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 22 Dec 2022 07:32 PM (IST)
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गुजरात में 352 किमी में वायाडक्ट, पुलों, स्टेशनों और ट्रैक निर्माण के लिए सारे अनुबंध सौंपे जा चुके हैं।

सूरत, अरविंद शर्मा। जापान के आर्थिक सहयोग और स्वदेशी कल-पूर्जे से बनाए जा रहे बुलेट ट्रेन के काम ने गति पकड़ ली है। एक चौथाई काम पूरा कर लिया गया है। पहली ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलेगी। गुजरात में 220 किमी की पायलिंग हो चुकी है। 120 किमी का पिलर बनकर तैयार है। महाराष्ट्र का काम भी रफ्तार में है। 98 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण हो चुका है। नेशनल हाई-स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के प्रबंध निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि जून 2026 तक बुलेट ट्रेन का ट्रायल हो जाएगा। अगस्त 2027 से ट्रेन दौड़ने लगेगी।

राजेंद्र ने भारत में जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी के साथ सूरत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट स्थल का दौरा किया। एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना की लागत का 81 प्रतिशत हिस्सा जापान दे रहा है। किंतु ऐसे कई कल-पूर्जे लगाए जा रहे हैं, जो पूरी तरह स्वदेशी हैं। अहमदाबाद से मुंबई के बीच कारिडोर की कुल लंबाई 508 किमी है, जिसका 348 किमी हिस्सा गुजरात, 156 किमी महाराष्ट्र एवं शेष चार किमी दादरा नगर हवेली में पड़ेगा। सफर में कुल 12 स्टेशन पड़ेंगे, जिनमें आठ गुजरात और चार महाराष्ट्र में होंगे। यह दूरी अधिकतम तीन घंटे में तय की जा सकती है। वैसे ट्रेन की अधिकतम गति शक्ति 350 किमी प्रति घंटे होगी परंतु परिचालन की गति 320 किमी प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होगी।

दिन-रात हो रहा काम

बुलेट ट्रेन के काम में तेजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 25 हजार कार्यबल दिन-रात काम कर रहे हैं। गुजरात में 352 किमी में वायाडक्ट, पुलों, स्टेशनों और ट्रैक निर्माण के लिए सारे अनुबंध सौंपे जा चुके हैं। साबरमती से वापी तक स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है। रास्ते में पड़ने वाली नर्मदा, ताप्ती, माही एवं साबरमती जैसी बड़ी नदियों पर पुल तेजी से बनाए जा रहे हैं। 902 गर्डरों को 36.1 किमी तक स्थापित कर दिया गया है। देश में पहली बार फुल स्पैन लांचिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा। प्रत्येक गर्डर का भार 970 मीट्रिक टन है। इसे बिना किसी जोड़ के एक ही टुकड़े में ढाला जा रहा है।

बेहद सुरक्षित होगी यह ट्रेन

बुलेट ट्रेन को बेहद सुरक्षित बताया गया है, क्योंकि जापान में ऐसी ट्रेनों में हादसा न के बराबर होता है। मृत्यु दर शून्य है। इसलिए भारत के इंजीनियरों को भी जापान में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारत-जापान में समझौते के अनुसार बुलेट ट्रेन के लिए जापान 0.1 प्रतिशत की दर पर 88 हजार करोड़ रुपये का साफ्ट ऋण दे रहा है, जिसे अगले 50 वर्ष में चुकाया जा सकेगा। कर्ज मिलने के 15 वर्ष बाद ऋण की अदायगी शुरू होगी।

कुल स्टेशन

गुजरात- वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमतीमहाराष्ट्र- मुंबई, ठाणे, विरार और बोईसर। मुंबई का स्टेशन भूमिगत होगा। शेष सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

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