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नक्सलवाद को ढकेल विकास के मोर्चे पर बस्तर, मजबूत हुआ संचार तंत्र

चार साल के भीतर जंगलों में बनीं अत्याधुनिक सड़कें, पहुंची रोशनी और मजबूत हुआ संचार तंत्र

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Wed, 06 Jun 2018 12:52 PM (IST)
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नक्सलवाद को ढकेल विकास के मोर्चे पर बस्तर, मजबूत हुआ संचार तंत्र

रायपुर [अनिल मिश्रा]। नक्सलवाद को पीछे ढकेल बस्तर अब विकास की राह पर चल पड़ा है। अंदरूनी इलाकों में पक्की सड़कें बन रही हैं, गांवों में बिजली पहुंच रही है, जंगल में मोबाइल टॉवर खड़े हो रहे हैं। यहां से नक्सली अब छत्तीसगढ़ में पांव पसारने की कवायद में लग गये हैं। हाल ही में पता चला कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिलेसे लेकर मध्यप्रदेश के बालाघाट और महाराष्ट्र के गोंदिया तक नक्सली नया रेड जोन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। तुरंत तीनों राज्यों की संयुक्त फोर्स ने कार्रवाई शुरू की। दो दिन पहले राजनांदगांव से सटे जिले कबीरधाम में हुई मुठभेड़ में फोर्स ने एक नक्सली को मार गिराया।

सड़क और बिजली से जवाब

2013 में नक्सलियों की दरभा डिवीजन ने जगदलपुर के निकट जीरम घाट में कांग्रेस के काफिले पर हमला कर विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को मार दिया था। यह डिवीजन खत्म होने की कगार पर है। दंतेवाड़ा की ओर से अरनपुर-जगरगुंडा मार्ग का काम लगभग पूरा हो गया है। सुकमा जिले के दोरनापाल से जगरगुंडा तक मोटी परत वाली विस्फोट रोधी कंक्रीट सड़क बन रही है। पिछले हफ्ते ही वहां बिजली पहुंची। सुकमा के पुवर्ती को नक्सलियों की राजधानी माना जाता था। 2015 में फोर्स ने पुवर्ती पर हमला किया और दस नक्सल लीडरों को मार गिराया।

नहीं डिगा सुरक्षाबलों का हौसला

पिछले साल सुकमा में 25 जवान शहीद हुए थे। वहीं भेज्जी में पुल निर्माण की सुरक्षा में लगे 12 जवानों को नक्सलियों ने मार दिया था। इस साल भी उसी इलाके में जवानों की माइन प्रोटेक्टेड गाड़ी उड़ा दी गई जिसमें नौ जवानों की मौत हो गई थी। इसके बाद भी फोर्स का हौसला लगातार बढ़ा हुआ है।

लगातार मारे जा रहे नक्सली

मार्च 2017 में बीजापुर जिले के पुजारी कांकेर में फोर्स ने नक्सल कैंप पर धावा बोला और दस बड़े नक्सलियों को मार गिराया। 2015 में सुकमा में दस नक्सली मारे गए। इसी तरह 2016 में ओड़िशा के मलकानगिरी जिले में 28 नक्सली मारे गए। अप्रैल में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में फोर्स ने 39 नक्सलियों को मार गिराया। बस्तर में 136 नक्सली मारे गए थे। 2017 में करीब 70 ढेर हुए जबकि इस साल अब तक 30 नक्सली मारे जा चुके हैं। पिछले दो साल में पांच सौ से ज्यादा नक्सली सरेंडर कर चुके हैं, ढाई सौ से ज्यादा गिरफ्तार भी हुए।