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2047 तक वायुसेना के सभी हथियार देश में ही होंगे निर्मित, एयर चीफ मार्शल ने बताया पूरा प्लान

भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयरचीफ मार्शल एपी सिंह का कहना है कि वायुसेना वर्ष 2047 तक अपने पूरे रक्षा भंडार का उत्पादन भारत में ही करना चाहती है। भावी सुरक्षा चुनौतियों के लिए स्वदेशी हथियार प्रणाली का होना बेहद जरूरी है। चीन बहुत तेजी से एलएसी से लगे इलाकों खासकर लद्दाख क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Fri, 04 Oct 2024 07:07 PM (IST)
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एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया पूरा प्लान

पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयरचीफ मार्शल एपी सिंह का कहना है कि वायुसेना वर्ष 2047 तक अपने पूरे रक्षा भंडार का उत्पादन भारत में ही करना चाहती है। भावी सुरक्षा चुनौतियों के लिए स्वदेशी हथियार प्रणाली का होना बेहद जरूरी है।

वायुसेना दिवस से एक दिन पहले शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में चीफ ऑफ एयर स्टाफ ने यह भी कहा कि चीन बहुत तेजी से एलएसी से लगे इलाकों खासकर लद्दाख क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है।

रूस ने भारत को सौंपी एस-400 मिसाइल प्रणाली की यूनिट

अब भारत भी उस स्तर के निर्माण कार्य में जुटा हुआ है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि रूस ने एस-400 मिसाइल प्रणाली की तीन यूनिट भारत को सौंप दी हैं और बाकी की दो यूनिट अगले वर्ष मिल जाएंगी। एयरचीफ मार्शल एपी सिंह ने विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में युद्ध के तनाव को देखते हुए कहा कि देश को स्वदेशी

हथियार प्रणालियों की इसलिए जरूरत है क्योंकि विदेशी हथियारों पर निर्भर रहने से बदलते हितों के बीच भारत के लिए 'चोक प्वाइंट' जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। अगर आप किसी युद्ध को लड़ने के काबिल बनना चाहते हैं तो आपको अपने हथियार भारत में ही बनाने होंगे।

'हम सब कुछ गोदाम में नहीं भर सकते'

आप उन्हें कहीं और से लाने और सप्लाई चेन पर निर्भर नहीं कर सकते हैं। हम हरेक चीज बनाने को तत्पर रहना चाहिए। हम सब कुछ गोदाम में भरकर नहीं रख सकते हैं। हम अगर सबकुछ जमा करते रहेंगे तो इनकी भी एक उम्र होती है और यह भी बर्बाद हो जाते हैं।