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भारतीय सैनिकों का चीन की सीमा तक पहुंचना होगा आसान, आ गया C-295 विमान; जानें इसकी खासियत

C-295 Transport Aircraft भारतीय वायु सेना की ताकत अब और बढ़ने वाली है। विमान निर्माता कंपनी एयरबस ने भारत के लिए सी-295 टैक्टिकल मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान (C-295 transport aircraft) तैयार किया। आइए समझते हैं कि आखिर क्यों भारत को सी-295 टैक्टिकल मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान की जरूरत पड़ी है। वहीं इस विमान की क्या ताकत है जिससे दुश्मनों के भीतर खौफ बढ़ने वाला है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 14 Sep 2023 02:02 PM (IST)
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भारतीय वायुसेना को बुधवार को पहला सी295 परिवहन विमान सौंपा गया।(फोटो सोर्स: जागरण)
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) की ताकत और बढ़ चुकी है। एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी ने बुधवार को पहला सी295 परिवहन विमान (C295 transport aircraft) भारतीय वायु सेना को सौंपा।

स्पेन के सेविल शहर में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी को एयरबस कंपनी के उत्पादन संयंत्र में यह विमान सौंपा गया।

एयरबस ने टाटा ग्रुप के साथ किया करार

भारत सरकार ने एयरबस के साथ 56 एयरक्राफ्ट के लिए सौदा किया है। इस सौदे में शामिल 40 विमानों को भारत में तैयार किया जाएगा। विमान को तैयार करने के लिए एयरबस ने टाटा ग्रुप के साथ करार किया है। अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 48 महीनों के भीतर स्पेन से सोलह विमान फ्लाईअवे स्थिति में भारत को सौंपे जाएंगे। गौरतलब है कि यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा।

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(फोटो सोर्स: भारतीय वायु सेना)

पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने वडोदरा में 295 विमानों की विनिर्माण सुविधा की आधारशिला रखी थी। भारतीय वायु सेना एवरो-748 विमानों के अपने बेड़े को बदलने के लिए सी-295 विमान खरीद रही है।

C-295  विमान की खासियत

  • 5 से 10 टन क्षमता है नए परिवहन विमान की।
  •  सैनिकों और साजो-सामान को तेजी से पहुंचाने के लिए रियर रैंप डोर से लैस है विमान।
  • 480 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से विमान 11 घंटे तक उड़ सकता है।
  • सी295 विमान पैराशूट के सहारे सैनिकों को उतारने और सामान गिराने के लिए काफी उपयोगी हो सकता है।
  • विमान का उपयोग किसी हादसे के पीड़ितों और बीमार लोगों को निकालने के लिए भी किया जा सकता है।
  • यह विमान विशेष अभियानों के साथ-साथ आपदा की स्थिति और समुद्री तटीय क्षेत्रों में गश्ती कार्यों को पूरा करने में सक्षम है।

भारत के लिए क्यों जरूरी है सी295 परिवहन विमान?

सी-295 को एक बेहतर विमान माना जाता है जिसका उपयोग 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स तक के सामरिक परिवहन के लिए और उन स्थानों पर रसद संचालन के लिए किया जाता है जो वर्तमान भारी विमानों के लिए पहुंच योग्य नहीं हैं।

इस विमान के जरिए पैराट्रूप और सामान को किसी दुर्गम जगहों पर लैंड कराने में मदद मिलेगी। वहीं, इमरजेंसी मेडिकल सुविधाओं को मुहैय्या कराने में ये विमान काफी मदद करेगी।

(फोटो सोर्स: भारतीय वायु सेना)

यह विमान विशेष अभियानों के साथ-साथ आपदा प्रतिक्रिया और समुद्री गश्ती कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम है।

न्योमा एयरफील्ड की रखी गई आधारशिला

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लद्दाख समेत 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 90 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास किया है। सरकार ने चीन की सीमा के नजदीक न्योमा एयरफील्ड की आधारशिला रखी है। वहीं, पाकिस्तान की सीमा से सटे देवक ब्रिज का भी उद्घाटन किया गया है।

न्योमा एयरफील्ड

चीन के विस्तारवादी नीति का जवाब देने के लिए मोदी सरकार ने 12 सितंबर को पूर्वी लद्दाख के न्योमा में न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (Nyoma Advanced Landing Ground) की आधारशिला रखी गई है। इस एयरबेस से लद्दाख में हवाई बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा। नए एयरफील्ड के निर्माण में तकरीबन 218 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है।

देवक ब्रिज

जम्मू कश्मीर के सांबा जिले में देवक ब्रिज (Devak Bridge) का बुधवार को उद्घाटन किया गया। यह ब्रिज को 3150 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह ब्रिज भारत और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर है।

इससे सीमा पर किसी भी समय स्थिति खराब होने पर सेना एवं अर्धसैनिक बलों (Paramilitary Forces) को  पहुंचने में काफी मदद मिलेगी। वही, इस ब्रिज की वजह से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को आने-जाने की सुविधा मिलेगी।

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