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CAATSA Ban: भारत पर लागू नहीं होगा काटसा प्रतिबंध, रूस से एस- 400 एंटी मिसाइल सिस्टम खरीदने का है मामला

दूसरी तरफ अमेरिका ने रूस पर वर्ष 2017 में काटसा के तहत प्रतिबंध लगाया था। यह प्रतिबंध रूस की तरफ से क्रीमिया को खुद में मिलाने और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप के आधार पर लगाया गया था।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Fri, 15 Jul 2022 09:06 PM (IST)
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रूस से रक्षा सौदा करने वाले देशों पर अमेरिका ने लगाया है काटसा प्रतिबंध

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैसे तो भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह रूस से एस-400 एंटी मिसाइल सिस्टम खरीदने को लेकर किसी भी बाहरी दबाव में नहीं आएगा लेकिन शुक्रवार को अमेरिकी संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर एक तरह से अपनी मंजूरी भी दे दी है। अमेरिका के प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) ने भारतीय मूल के कांग्रेसमैन रो खन्ना के उस प्रस्ताव को ध्वनि मत से मंजूरी दे दी जिसमें काटसा प्रतिबंधों से भारत को विशेष तौर पर अलग रखने की बात की गई है।

काटसा यानी काउंटरिंग अमेरिकन एडवरसरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट (CAATSA) अमेरिका का कानून है जो दक्षिण कोरिया पर लगाया गया है। इस कानून के तहत इन देशों के साथ कारोबार करने वाले देशों व संगठनों पर भी अमेरिकी प्रतिबंध लगाया जाता है।

यह भी महत्वपूर्ण तथ्य तय है कि अमेरिकी संसद में जिस तरह से सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक साथ मिल कर भारत को अलग रखने की सहमति दी है उसे विशेषज्ञ भारत को रूस से अलग करने की दीर्घकालिक नीति के तौर पर देख रहे हैं।

अक्टूबर 2018 में किया गया था समझौते पर हस्ताक्षर

एक दिन पहले अमेरिका ने इजरायल और यूएई के साथ मिल कर भारत के कृषि क्षेत्र में बड़े निवेश और रिनीवेबल इनर्जी के क्षेत्र में वैश्विक हब बनाने का फैसला आई-2यू-2 सम्मेलन में किया है। भारत और रूस के बीच एस-200 एंटी मिसाइल सिस्टम खरीदने को लेकर काफी समय से बात हो रही थी लेकिन इस बारे में समझौते पर हस्ताक्षर अक्टूबर, 2018 में किया गया था। इस सिस्टम की आपूर्ति भी भारत को शुरु हो चुकी है।

यह कानून उन देशों पर भी लागू है जो रूस से करेंगे रक्षा सौदा

दूसरी तरफ अमेरिका ने रूस पर वर्ष 2017 में काटसा के तहत प्रतिबंध लगाया था। यह प्रतिबंध रूस की तरफ से क्रीमिया को खुद में मिलाने और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप के आधार पर लगाया गया था। यह कानून उन देशों पर भी लागू है जो रूस से रक्षा सौदे करेंगे। हालांकि, उसके बाद भारत ने साफ कर दिया था कि एस-400 उसकी मौजूदा सुरक्षा जरूरतों के हिसाब से बेहद जरूरी है। मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा का जब चीन की सैनिकों ने उल्लंघन किया तो उसके बाद भारत के लिए अपने पक्ष में समर्थन जुटाना और आसान हो गया।

खन्ना ने इस प्रस्ताव के पारित होने पर जाहिर की काफी खुशी

अमेरिकी संसद के विदेशी मामलों की समिति के महत्वपूर्ण सदस्य टोड यंग ने राष्ट्रपति जो बाइडन को पत्र लिख कर भारत को काटसा प्रतिबंध से अलग रखने की सिफारिश की थी। भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेसमैन रो खन्ना भारत की मौजूदा रणनीतिक स्थिति और चीन के साथ उसके रिश्ते को देखते हुए उक्त प्रस्ताव पेश किया था। खन्ना ने कहा था कि चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए भारत की सुरक्षा जरूरतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। खन्ना ने इस प्रस्ताव के पारित होने पर काफी खुशी जाहिर की है।

सनद रहे कि तुर्की ने भी रूस से एस-400 सिस्टम खरीदने का समझौता किया हुआ है और अमेरिका ने उस पर कुछ प्रतिबंध भी लगाये हुए हैं। पूर्व में कुछ अमेरिकी नेताओं ने भारत पर भी इसी तरह से कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन अब साफ है कि बाइडन प्रशासन भारत के तर्क को ज्यादा तरजीह दे रहा है।