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बिग कैट संरक्षण मुहिम को दुनियाभर में रफ्तार देगा भारत, देश में IBCA मुख्यालय खोलने की मिली मंजूरी

इंटरनेशनल सोलर अलायंस के बाद अब इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आइबीसीए ) का मुख्यालय भी भारत में होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी प्रदान की गई। साफ है दुनियाभर में बिग कैट ( बाघ शेर तेंदुआ हिम तेंदुआ प्यूमा जगुआर और चीता) के संरक्षण की मुहिम की अगुवाई अब भारत करेगा।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Thu, 29 Feb 2024 09:48 PM (IST)
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इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आइबीसीए) का मुख्यालय भारत में खुलेगा। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इंटरनेशनल सोलर अलायंस के बाद अब इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आइबीसीए) का मुख्यालय भी भारत में होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी प्रदान की गई। साफ है दुनियाभर में बिग कैट ( बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता) के संरक्षण की मुहिम की अगुवाई अब भारत करेगा।

अगले पांच सालों के लिए 150 करोड़ रुपये स्वीकृत

कैबिनेट ने मुख्यालय के संचालन के लिए अगले पांच सालों के लिए यानी वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक के लिए 150 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए हैं। बिग कैट के संरक्षण के लिए बनाए गए इस इंटरनेशनल अलायंस में दुनियाभर के उन सभी 96 देशों को शामिल करने की परिकल्पना की गई है, जहां बिग कैट की प्रजातियां पाई जाती हैं।

भारत में बिग कैट की पांच प्रजातियां

बिग कैट की बात करें तो भारत में प्यूमा और जगुआर को छोड़कर अन्य पांचों प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से चीता ही देश से विलुप्त हो गया था लेकिन पीएम मोदी के प्रयासों से 2022 में इन्हें देश में 73 सालों के बाद फिर से बसाया गया। बता दें कि पीएम मोदी ने 2019 में वैश्विक बाघ दिवस के मौके पर वन्यजीवों के अवैध शिकार को रोकने के लिए दुनियाभर के नेताओं से एक अलायंस बनाने का आह्वान किया था। बाद में नौ अप्रैल 2023 को प्रोजेक्ट टाइगर के पचास साल पूरा होने पर उन्होंने इस अलायंस को शुरू करने का एलान किया था।