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'प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश की मूर्तियों की बिक्री पर नहीं लगेगी रोक', मद्रास HC का प्रशासन को सख्त निर्देश

मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) की मदुरै खंडपीठ ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश भगवान की मूर्ति की बिक्री पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। पीठ ने कहा कि जल निकायों में प्लास्टर ऑफ पेरिस युक्त मूर्तियों के विसर्जन की अनुमति नहीं दी जा सकती है लेकिन अधिकारियों द्वारा उनकी बिक्री को रोका नहीं जा सकता है।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 17 Sep 2023 01:41 PM (IST)
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प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश की मूर्ति की बिक्री पर नहीं लग सकता प्रतिबंध

चेन्नई, एएनआई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों के आधार पर प्लास्टर ऑफ पेरिस गणेश मूर्तियों की बिक्री को नहीं रोका जाएगा। दरअसल, मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै खंडपीठ ने प्रशासन को इसे बिक्री पर रोक लगाने से मना कर दिया है।

पीठ ने कहा कि जल निकायों में प्लास्टर ऑफ पेरिस युक्त मूर्तियों के विसर्जन की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन अधिकारियों द्वारा उनकी बिक्री को रोका नहीं जा सकता है। गणेश मूर्ति निर्माताओं और विक्रेताओं को पर्यावरण मानदंडों के कथित उल्लंघन के लिए पिछले कुछ दिनों से राज्य के कड़े बर्ताव का सामना करना पड़ रहा है।

विसर्जन पर लगेगी रोक, लेकिन बिक्री पर नहीं

राजस्थान के गणेश मूर्ति निर्माता प्रकाश ने तिरुनेलवेली जिले में जिला प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित गणेश मूर्तियों की बिक्री की तुरंत अनुमति देने के लिए एक मामला दायर किया। यह मामला शनिवार को मद्रास उच्च न्यायालय मदुरै पीठ के न्यायाधीश जीआर स्वामीनाथन के समक्ष सुनवाई के लिए आया।

मामले की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा, "मैं यह स्पष्ट कर देता हूं कि प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों को विसर्जित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, लेकिन अधिकारी उनकी बिक्री नहीं रोक सकते।"

प्रत्येक मूर्ति का रखना होगा विवरण

कोर्ट ने कहा, "यह सुनिश्चित करने के लिए कि विसर्जन के संबंध में मानदंडों का उल्लंघन न हो, याचिकाकर्ता को खरीदारों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है। प्रत्येक मूर्ति की बिक्री का विधिवत हिसाब देना होगा। याचिकाकर्ता एक रजिस्टर बनाएगा, जिसमें उन लोगों का विवरण होगा जो हैं उनसे खरीदारी कर रहे हैं।"

साथ ही कहा, "रजिस्टर उत्तरदाताओं द्वारा निरीक्षण के लिए खुला रहेगा। यदि भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन पर्यावरण-अनुकूल तरीके से किया जा सकता है, तो इसकी स्थापना को रोका नहीं जा सकता है।"

न्यायमूर्ति स्वामीनाथन ने कहा कि विसर्जन पर रोक एक उचित प्रतिबंध है, लेकिन बिक्री को रोकना याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा। कानूनी तौर पर यह संविधान के अनुच्छेद 19(1)(G) का उल्लंघन होगा।

19 सितंबर को भक्तों के घर पधारेंगे बप्पा

गौरतलब है कि इस साल शुरू होने वाला दस दिवसीय त्योहार गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को शुरू होगा। यह शुभ दस दिवसीय त्योहार 'चतुर्थी' से शुरू होता है और 'अनंत चतुर्दशी' पर समाप्त होता है। यह मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें लाखों भक्त भगवान गणेश से आशीर्वाद लेने के लिए मंडलों में एकत्रित होते हैं।

उत्सव के लिए, लोग भगवान गणेश की मूर्तियों को अपने घरों में लाते हैं, उपवास रखते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करते हैं। इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में खूबसूरत पंडाल भी बनाए जाते हैं।

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