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Coronavirus के इलाज को लेकर उड़ रही अफवाहों के चक्‍कर में पड़े तो पड़ जाएंगे लेने के देने

कोरोना वायरस के इलाज को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं इनसे बचने की जरूरत है। जानें इन अफवाहों पर क्‍या कहता है विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 08 Mar 2020 04:36 PM (IST)
Coronavirus के इलाज को लेकर उड़ रही अफवाहों के चक्‍कर में पड़े तो पड़ जाएंगे लेने के देने
नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस के इलाज को लेकर जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, कहीं आप भी तो उन पर यकीन नहीं करने लगे हैं। यदि ऐसा है तो ये आपके लिए खतरनाक हो सकता है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इसको लेकर लोगों को चेताया भी है। इसके अलावा संगठन की तरफ से सोशल मीडिया के जरिये वायरल हो रही तरह-तरह की भ्रांतियों का सच बताया है। आपको बता दें कि दुनिया के 76 देश इस वायरस की चेपट में हैं। 

लहसुन का करें इस्‍तेमाल 

आपको बता दें कि डब्‍ल्‍यूएचओ ने साफ कर दिया है कि लहसुन में भले ही कई तरह के रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता होती है, लेकिन कोरोना से लड़ने या इसके इलाज में इसका सेवन करना करना बिल्‍कुल झूठ है।इसी तरह से हल्‍दी का सेवन भी इस वायरस के इलाज में कारगर नहीं है। हालांकि, हल्‍दी में कई तरह के प्राकृतिक गुण होते हैं। विश्‍‍‍व स्‍वास्‍‍‍‍थ्‍य संगठन ने साफ किया है अब तक ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है जिसमें इसकी पुष्टि की जा सके।  

पालतू जानवरों से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा 

अभी तक इस बात का कोई प्रमाण सामने नहीं आया है कि जानवरों से नजदीकी की वजह से ये वायरस फैलता है। इसके बाद भी ये अच्‍छा होगा पालतू जानवर जैसे कुत्ते, बिल्‍ली आदि के संपर्क में आने पर अपने हाथों को साबुन से अच्‍छे से धोना न भूलें। ये आदत आपको बैक्‍टीरियल इन्फेक्‍शन से बचाने में सहायक साबित होगी। 

 

कोरोना वायरस के इलाज को लेकर कोई दवा 

फिलहाल इस वायरस के इलाज के लिए कोई दवा तैयार नहीं की जा सकी है। इतना जरूर है कि इसको लेकर युद्धस्‍तर पर काम चल रहा है। डब्‍ल्‍यूएचओ का कहना है कि ये वायरस बिल्‍कुल नया है इसलिए इसकी दवा अलग और नई ही होगी। निमोनिया के इलाज में काम आने वाली दवाएं इस वायरस में कारगर नहीं हैं।

चीन से आने वाले पत्र और पार्सल को छूना कितना सही

डब्‍ल्‍यूएचओ के मुताबिक चीन से आने वाले पत्र या पार्सल को छूने से इस वायरस की चपेट में आने का खतरा नहीं है। पूर्व के विश्‍लेषणों के मुताबिक कोरोना वायरस पत्र, पार्सल और पैकेज पर ज्‍यादा समय तक नहीं रह सकता है। 

शरीर पर अल्‍कोहल या क्‍लोरीन का स्‍प्रे कितना सही 

यदि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं तो शरीर पर अल्‍कोहल या क्‍लोरीन का स्‍प्रे इसके वायरस को नहीं मार सकेगा। इस तरह से शरीर पर किया गया स्‍प्रे आपके कपड़ों को ही नहीं, बल्कि आपकी आंखों और मुंह के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता हे। आपको बता दें कि इन चीजों का स्‍प्रे केवल सर्फेस से इन्फेक्‍शन को खत्‍म करना, लेकिन इसका भी इस्‍तेमाल बिना जानकारी के नहीं करना चाहिए।  

थर्मल स्‍कैनर कितना कारगर 

थर्मल स्‍कैनर उन लोगों की पहचान में सहायक है जिन्‍हें बुखार है। ये कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की पहचान कर सकता है, क्‍यों‍कि इसमें भी बुखार के साथ-साथ खांसी और जुकाम होता है। इसके अलावा ये स्‍कैनर उन लोगों की जांच करने में सहायक नहीं है जो वायरस की चपेट में तो हैं, लेकिन उन्‍हें बुखार नहीं है। आपको ये भी बता दें कि इस वायरस की चपेट में आने के करीब 2-10 दिन में बुखार आता है। 

बुजुर्गों को अधिक खतरा 

इस वायरस की चपेट में हर उम्र का व्‍यक्ति आ सकता है। बुजुर्ग अक्‍सर पहले से ही अस्‍थमा, डायबिटीज और दिल की बीमारियों से पीड़ित होते हैं, इसलिए भी उन्‍हें इसके संक्रमण का खतरा अधिक होता है। 

अल्‍ट्रा वॉयलेट लैंप वायरस के बचाव में कितना सहायक 

इस लैंप का इस्‍तेमाल हाथों को स्‍टरलाइज करने के लिए नहीं करना चाहिए। इसकी वजह से कई बार शरीर में इरिटेशन भी हो जाती है। 

हैंड ड्रायर कोरोना वायरस को रोकने में कितना सहायक 

डब्‍ल्‍यूएचओ के मुताबिक ये एक ऐसी अफवाह है जो कई जगह फैलाई जा रही है, लेकिन ये सरासर झूठ है। यदि आपको इस वायरस से बचना है तो इसका सीधा-सा उपाय है कि आप अपने हाथों को साफ रखें और कुछ-कुछ समय बाद साबुन से धोते रहें। हाथ धोने के बाद इन्‍हें पेपर टॉवल या वार्म एयर ड्रायर से सुखा लें।  

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