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India Canada Row: गैंगस्टरों और ड्रग्स तस्करों का अड्डा बना कनाडा, भारत ने गिनाए आतंकियों के नाम; कब कार्रवाई करेंगे ट्रूडो

India Canada Relation News In Hindi कनाडा अब खालिस्तानी आतंकी के साथ-साथ गैंगस्टरों और ड्रग्स तस्करों का भी अड्डा बन चुका है। इन गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के गठजोड़ में विदेश में बैठे कई लोग शामिल हैं। जिस हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत-कनाडा रिश्ते रसातल में चले गए हैं उसके खालिस्तानी आतंकी होने के ठोस सबूत कनाडा सरकार को सौंपे जा चुके हैं।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 17 Oct 2024 08:53 PM (IST)
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Photo REUTERS)

नीलू रंजन, जागरण। नई दिल्ली। कनाडा सिर्फ खालिस्तानी आतंकी ही नहीं, बल्कि गैंगस्टरों और ड्रग्स तस्करों की भी शरणस्थली बन गया है, जो वहीं से पंजाब में अवैध वसूली, टारगेट किलिंग से लेकर ड्रग्स तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। गैंगस्टरों, ड्रग्स तस्करों और आतंकियों का गठजोड़ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चिंता का सबब बन गया है।

भारत में वांछित इन अपराधियों को रोकने की बजाय कनाडा अपने लाभ के लिए उन्हें वहां संरक्षण दे रहा है। हालात यह है कि पंजाब के लगभग 29 गैंगस्टर फर्जी पासपोर्ट पर कनाडा में शरण लिए हुए हैं जिनमें से कइयों को भारत ने आतंकी घोषित कर रखा है।

सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कनाडा को अपने यहां रह रहे आतंकियों और गैंगस्टरों के बारे में अच्छी तरह पता है। भारत सरकार की ओर से कई डोजियर भी सौंपे जा चुके हैं।

राजनीतिक हित साधने में व्यस्त ट्रूडो

2018 में जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत दौरे पर आए थे तो पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें 10 ऐसे लोगों की सूची सौंपी थी, जो कानूनी प्रक्रिया से बचकर भाग गए थे और कनाडा में रह रहे थे। लेकिन बोलने की आजादी की आड़ लेकर राजनीतिक हित साधने के लिए मौजूदा जस्टिन ट्रूडो सरकार इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रह है।

कनाडा को दिए सबूत

इन गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के गठजोड़ में विदेश में बैठे कई लोग शामिल हैं। जिस हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत-कनाडा रिश्ते रसातल में चले गए हैं, उसके खालिस्तानी आतंकी होने के ठोस सबूत कनाडा सरकार को सौंपे जा चुके हैं।

कनाडा में मिली शरण

आतंकी गुरजीत चीमा, मलकीत फौजी, सुलिंदर सिंह, हरदीप सोहोता, गुरजंट सिंह पन्नू, परमिंदर सिंह दुलाई, भगत सिंह बराड़, टहल सिंह जैसे खालिस्तानी आतंकी वर्षों से कनाडा में शरण लिए हुए हैं। इसके साथ ही गोल्डी बराड़, लारेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई, गुरविंदर सिंह उर्फ बाबा डल्ला, सतविंदर सिंह उर्फ सैम, सनोवर ढिल्लों, लखवीर सिंह उर्फ लंडा, अर्श डल्ला उर्फ अर्शदीप सिंह अर्श, गगना उर्फ गगनदीप, दीप नवांशहरिया, रिंकू बिहला, रमन जज जैसे गैंगस्टरों को कनाडा में मिल हुआ है।

वर्चस्व की लड़ाई

जस्टिन ट्रूडो भले ही अपने राजनीतिक लाभ के लिए आतंकियों, गैंगस्टरों और ड्रग्स तस्करों को पनाह दे रखा हो, लेकिन इसका खामियाजा खुद उसे भी भुगतना पड़ रहा है। जिस आतंकी निर्झर की हत्या का दोष कनाडा भारत को दे रहा है, उसकी मौत की असली वजह विभिन्न गैंग के बीच वर्चस्व की लड़ाई बताई जा रही है। कभी शांति और संवृद्धि के लिए प्रसिद्ध कनाडा में गैंगवार की घटनाएं अब सामान्य होती जा रही हैं।

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