Move to Jagran APP

India Canada Row: कनाडा ने बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मुंबई में बंद की वीजा सेवा; भारत में अपने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी

कनाडा सरकार की तरफ से शुक्रवार को बताया गया है कि उसने भारत स्थित उच्चायोग से 41 राजनयिकों को हटा दिया है । साथ ही यह भी बताया गया है कि उच्चायोग के बेंगलुरु चंडीगढ़ और मुंबई स्थित केंद्रों में वीजा सेवा स्थगित कर दी गई है। भारत में वीजा देने का काम नई दिल्ली स्थित उच्चायोग में होगा ।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Sat, 21 Oct 2023 02:06 AM (IST)Updated: Sat, 21 Oct 2023 02:06 AM (IST)
उच्चायोग के बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मुंबई स्थित केंद्रों में वीजा सेवा स्थगित। फाइल फोटो।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक विवाद थमता नजर नहीं आ रहा। भारत के दबाव पर कनाडा ने अंतत: अपने उच्चायोग से राजनयिकों को हटाने का काम शुरू कर दिया है। शुक्रवार को कनाडा सरकार की तरफ से बताया गया है कि उसने भारत स्थित उच्चायोग से 41 राजनयिकों को हटा दिया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि उच्चायोग के बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मुंबई स्थित केंद्रों में वीजा सेवा स्थगित कर दी गई है।

कनाडा जाने वाले लोगों को आएगी मुश्किलें

भारत में वीजा देने का काम नई दिल्ली स्थित उच्चायोग में होगा। जाहिर है कि इससे कनाडाई वीजा की चाह रखने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इस घोषणा के साथ ही कनाडा ने भारत पर यह आरोप भी लगा दिया है कि राजनयिकों की वापसी की मांग अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। बहरहाल, भारतीय विदेश मंत्रालय ने न सिर्फ कनाडा के इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है बल्कि फिर से इस बात को दोहराया कि कनाडा के राजनयिक भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करते हैं।

दोनों देशों के बीच चल रहा है कूटनीतिक विवाद

भारत और कनाडा में पिछले महीने से बहुत गहरा कूटनीतिक विवाद चल रहा है। यह विवाद पीएम जस्टिन ट्रूडो की तरफ से वहां की संसद में दिए गए एक सनसनीखेज बयान से पैदा हुआ है, जिसमें उन्होंने भारतीय एजेंटों पर कनाडाई नागरिक (खालिस्तान समर्थक आतंकवादी) हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। इस मुद्दे को वह दूसरे वैश्विक नेताओं के साथ होने वाली द्विपक्षीय वार्ताओं में भी उठा रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः 'राजनयिकों की छूट रद करना वियना सम्मेलन के खिलाफ', कूटनीतिक विवाद में जस्टिन ट्रूडो ने फिर अलापा अंतरराष्ट्रीय कानून का राग

भारत ने कनाडा के नागरिकों को विजा देने से किया इनकार

भारत ने इस पर न सिर्फ कनाडा के नागरिकों को वीजा देने से इनकार कर दिया, बल्कि कनाडा को वियना समझौते के मुताबिक, भारत स्थित उच्चायोग से अपने राजनयिकों की संख्या घटाने को कह दिया। भारत का कहना है कि ओटावा में जितने भारतीय अधिकारी तैनात हैं, उसी हिसाब से नई दिल्ली में भी कनाडाई अधिकारियों की नियुक्ति होनी चाहिए। अभी यह संख्या काफी ज्यादा है।

कनाडा की विदेश मंत्री ने की थी पुष्टि

कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने गुरुवार देर रात कहा कि हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारत ने आधिकारिक तौर पर यह बताया है कि वह 20 अक्टूबर, 2023 से कनाडा के 21 राजनयिकों व उनके स्वजन के अलावा अन्य सभी राजनयिकों को कूटनीतिक छूट अपने आप हटा देगा। इसका मतलब है कि कनाडा के 41 राजनयिकों और उनके आश्रितों को मिली कूटनीतिक छूट अब खत्म की जा सकती है। इन राजनयिकों और उनके स्वजन पर भारत के फैसले के संभावित असर को देखते हुए उन्हें भारत से सुरक्षित हटा दिया गया है।

भारतीय नागरिकों को सेवा देने पर होगा असरः मेलानी जोली

उन्होंने आगे कहा कि किसी भी देश को कूटनीतिक छूट का अनादर नहीं करना चाहिए और इसे मनमाने तरीके से हटाने का फैसला नहीं करना चाहिए। इस फैसले से भारत स्थित कनाडाई उच्चायोग की तरफ से भारतीय नागरिकों को सेवा देने पर असर होगा। कनाडा की विदेश मंत्री ने भारत के इस फैसले को अनुचित और विवाद को बढ़ाने वाला भी बताया है।

कनाडाई उच्चायोग ने अपने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी

उधर, कनाडाई उच्चायोग ने एक एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों से कहा है कि चंडीगढ़, बेंगलुरु और मुंबई की यात्रा के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतें। इन शहरों में कनाडा के राजनयिक उनकी मदद के लिए उपलब्ध नहीं हो सकेंगे। इन शहरों में व्यक्तिगत तौर पर कंसुलर सेवा उपलब्ध नहीं होगी। किसी तरह की सेवा के लिए उन्हें नई दिल्ली स्थित उच्चायोग से संपर्क करना होगा।

कनाडा की तरफ से इस तरह के बयान आने के बाद बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कूटनीतिक संबंधों पर वियना समझौते के तहत ही उक्त फैसला किया गया है। राजनयिकों की संख्या को लेकर भारत पिछले महीने से ही कनाडा सरकार के साथ बात कर रहा है।

मनमाने तरीके से राजनयिकों को हटाने का नहीं बनाया दबाव

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कनाडा के इस आरोप को खारिज किया है कि भारत ने मनमाने तरीके से कनाडाई राजनयिकों को निकालने का दबाव बनाया है। अधिकारियों के मुताबिक, एक महीने पहले कनाडा को बताया गया था कि उसे 10 अक्टूबर तक अपने राजनयिकों की संख्या घटानी होगी। कनाडा के आग्रह पर इसे 20 अक्टूबर किया गया। किन राजनयिकों को हटाया जाना है इसका भी फैसला कनाडा के विमर्श से किया गया। साथ ही भारत ने सिर्फ नई दिल्ली और ओटावा उच्चायोग के राजनयिकों की संख्या घटाने की बात कही थी। इसलिए यह कहना गलत है कि कनाडा को भारत के दूसरे शहरों में स्थित राजनयिकों को हटाने के लिए कहा गया था।

यह भी पढ़ेंः India Canada Row: निज्जर मामले में भारत की सख्ती, 41 राजनयिकों ने छोड़ा देश; कनाडाई विदेश मंत्री ने की पुष्टि


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.