India-Canada Row: P-20 बैठक में कनाडा नदारद, बेफिक्र भारत ने कहा- राजनयिकों की संख्या घटानी होगी
P-20 बैठक में कनाडा नदारद जिसके कारण विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि “भारत ने सभी सदस्य देशों को पी-20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था। यह सदस्य देशों पर निर्भर करता है कि वह इसमें हिस्सा लेते हैं या नहीं। बागची ने कहा हम इस बात को लेकर द्दढ़ हैं कि दोनो देशों के उच्चायोगों मे राजनयिकों की संख्या में तालमेल होनी चाहिए।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Thu, 12 Oct 2023 11:15 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खालिस्तान आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के बीच की कूटनीतिक तल्खी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। एक तरफ जहां भारत नई दिल्ली स्थिति कनाडाई उच्चायोग से राजनयिकों की संख्या घटाने पर अडिग है वहीं भारत में जी-20 देशों के सांसदों की बुलाई गई विशेष बैठक से अनुपस्थित हो कर कनाडा ने भी अपनी नाराजगी दिखा दी है।
रेममोंडे गैग्ने ने पहले पी-20 में शामिल होने पर जताई थी सहमति
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो की तरफ से दुनिया भर के नेताओं को भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करने की शिकायत की जा रही है। भारत ने इसको खास तवज्जो नहीं देते हुए साफ तौर पर कहा है कि, इससे खालिस्तान को समर्थन देने से जो समस्या पैदा हुई है उसका समाधान नहीं होगा। कनाडा सीनेट की स्पीकर रेममोंडे गैग्ने ने पहले लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला से संसदीय सम्मेलन पी-20 में हिस्सा लेने की सहमति जताई थी लेकिन गुरुवार को वह अनुपस्थित रही।
भारत ने सभी सदस्य देशों को पी-20 बैठक में किया था आमंत्रित
बाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि, “भारत ने सभी सदस्य देशों को पी-20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था। यह सदस्य देशों पर निर्भर करता है कि वह इसमें हिस्सा लेते हैं या नहीं।''हाल ही में कुछ विदेशी समाचार पत्रों ने यह खबर प्रकाशित की है कि नई दिल्ली स्थित कनाडा के उच्चायोग से राजनयिकों की संख्या घटाने को लेकर भारत का रुख पहले से नरम हो गया है। इस बारे में बागची ने कहा कि, हम इस बात को लेकर द्दढ़ हैं कि दोनो देशों के उच्चायोगों मे राजनयिकों की संख्या में तालमेल होनी चाहिए।
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इस बारे में हम लगातार कनाडा के साथ बातचीत कर रहे हैं। जहां तक पीएम ट्रुडो की तरफ से दूसरे देशों के नेताओं से भारत की शिकायत की बात है तो बागची ने कहा कि, मुझे नहीं लगता कि इससे जो मूल मुद्दा है उसका समाधान हो सकता है।
मूल मुद्दा यहीं है कि कनाडा में पृथकवादियों और कट्टरपंथियों को जगह दी जाती है। हमें उम्मीद है कि कनाडा हमारी मांग को गंभीरता से लेगा। हम विएना समझौते के तहत कनाडा सरकार से अपने राजनयिकों को ज्यादा सुरक्षा देने की मांग कर रहे हैं।ये भी पढ़ें: भारत में हुआ इजरायल की तरह आतंकी हमला तो कैसे निपटेंगे? NSG बना रही रणनीति