आतंकी हरदीप निज्जर के लिए कनाडा की संसद में रखा मौन, भारत ने भी उसी भाषा में दिया जवाब
कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की याद में कुछ मिनट का मौन रखा गया। जिस पर शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा हम स्वाभाविक रूप से चरमपंथ और हिंसा की वकालत करने वालों को राजनीतिक स्थान देने वाले किसी भी कदम का विरोध करते हैं...
एएनआई, नई दिल्ली। कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की याद में कुछ मिनट का मौन रखा गया। जिस पर शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम स्वाभाविक रूप से चरमपंथ और हिंसा की वकालत करने वालों को राजनीतिक स्थान देने वाले किसी भी कदम का विरोध करते हैं..."
इससे पहले खालिस्तानी आतंकियों द्वारा 1985 में एक भारतीय नागरिक विमान को उड़ाए जाने की घटना की याद करते भारत ने कनाडा का नाम लिए बिना कहा कि भारत आतंकवाद से निपटना अच्छे से जानता है। भारतीय दूतावास ने कहा है कि भारत आतंकवाद की समस्या से निपटने में सबसे आगे है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
नागरिक विमानन के इतिहास में सबसे जघन्य आतंकवादी हवाई दुर्घटना कनिष्क बम विस्फोट को याद करते हुए वैंकूवर स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कनाडा का नाम लिए बिना उसे करारा जवाब दिया है।#WATCH | Delhi: On Canadian Parliament observing two-minute silence on the death anniversary of Sikh separatist leader Hardeep Singh Nijjar, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We naturally oppose any moves giving political space to extremism and those advocating violence..." pic.twitter.com/nN6iyIWHQQ
— ANI (@ANI) June 21, 2024
बता दें कि मॉन्ट्रियल-नई दिल्ली एअर इंडिया ‘कनिष्क’ उड़ान संख्या 182 में 23 जून 1985 को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने से 45 मिनट पहले विस्फोट हो गया, जिससे विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे। इनमें से अधिकांश भारतीय मूल के कनाडाई थे। इस बम विस्फोट का आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों पर लगाया गया था। यह विस्फोट कथित तौर पर 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए किए गए ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के प्रतिशोध में किया गया था।