Cauvery issue: 'जुलाई के अंत तक तमिलनाडु को 8,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा', सर्वदलीय बैठक के बाद बोले CM सिद्दारमैया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी सरकार इस महीने की अंत तक पड़ोसी तमिलनाडु के लिए रोजाना 8000 क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कावेरी बेसिन के बांधों में सिर्फ 63 फीसदी पानी है और ऐसे में राज्य हर दिन 11500 क्यूसेक पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है। मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही।
पीटीआई, बेंगलुरु। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने रविवार को कहा कि कर्नाटक सरकार इस महीने के अंत तक कावेरी जल विनियमन समिति के निर्देशानुसार पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को कावेरी नदी से एक टीएमसी के बजाय प्रतिदिन 8,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने यहां सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि कावेरी बेसिन बांधों में केवल 63 प्रतिशत पानी है और इस स्थिति में, राज्य प्रतिदिन एक टीएमसी पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है। सर्वदलीय बैठक में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, विपक्ष के नेता आर अशोक, जेडी (एस) विधायक जीटी देवेगौड़ा, किसान नेता और कानूनी विशेषज्ञ शामिल हुए।
सिद्दारमैया ने सर्वदलीय बैठक में रखी शर्त
सिद्दारमैया ने कहा, "सभी की राय थी कि हमें एक टीएमसी नहीं बल्कि 8,000 क्यूसेक पानी छोड़ना चाहिए, जो 11,500 क्यूसेक पानी है। अगर बारिश नहीं होती है तो हम पानी छोड़ने की मात्रा कम कर देंगे और कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर करेंगे।" उनके अनुसार, कावेरी जल विनियामक प्राधिकरण ने निर्देश दिया है कि 12 जुलाई से महीने के अंत तक हर दिन एक टीएमसी पानी छोड़ा जाना चाहिए।उन्होंने बताया कि सामान्य वर्ष में जून में 9.14 टीएमसी और जुलाई में 31.24 टीएमसी पानी छोड़ा जाना चाहिए। बैठक में मौजूद अधिवक्ता मोहन कटारकी ने कहा कि इस बार कावेरी नदी पर कृष्णराजसागर बांध में केवल 54 प्रतिशत पानी है, जबकि कावेरी बेसिन के अन्य बांधों में केवल 63 प्रतिशत पानी है।
CM ने बताया तमिलनाडु को कब दिया गया था पानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 जुलाई को काबिनी में 5,000 क्यूसेक पानी का प्रवाह था, जिसे तमिलनाडु की ओर बहने दिया गया। उन्होंने कहा कि शनिवार को बिलिगुंड्लु में 5,000 क्यूसेक पानी बह रहा था। उन्होंने बताया कि 12 जुलाई को 20,000 क्यूसेक और 13 जुलाई को 19,000 क्यूसेक काबिनी बांध से तमिलनाडु के लिए छोड़ा गया था, क्योंकि इसकी धारण क्षमता के कारण पानी को लंबे समय तक संग्रहीत नहीं किया जा सकता है।सिद्दारमैया ने कहा कि कर्नाटक में सभी दल इस बात पर एकमत थे कि उन्हें सीडब्ल्यूएमए से अपील करनी चाहिए, क्योंकि एक टीएमसी पानी छोड़ना संभव नहीं है। वहीं, कटारकी ने कहा कि हम यह नहीं कह सकते कि हम पानी नहीं छोड़ सकते, क्योंकि यह कावेरी न्यायाधिकरण का अपमान होगा। हम 8,000 क्यूसेक छोड़ेंगे। अगर अच्छी बारिश होती है तो एक टीएमसी छोड़ना ठीक है। हमें इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 कम बारिश के साथ 'संकट का वर्ष' था। उन्होंने कहा, "एक सामान्य वर्ष में, हम 177 टीएमसी पानी छोड़ते हैं, लेकिन पिछले साल हमने केवल 81 टीएमसी पानी छोड़ा था।"