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CBI: हीरों के बदले कर्ज पर चोकसी के खिलाफ सीबीआइ का नया आरोप पत्र

चोकसी ने आइएफसीआइ को लगाया दोहरा चूना। हीरों की 98 प्रतिशत अधिक कीमत बताकर लिया कर्ज। सरकार ने गीतांजलि जेम्स और उसके पूर्व निदेशक व गारंटर चोकसी सरकारी मूल्यांकनकर्ता नरेंद्र झावेरी प्रदीप सी.शाह श्रेनिक शाह केयुर मेहता आदि के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 28 Mar 2023 10:29 PM (IST)
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आइएफसीआइ ने जब गहनों का दोबारा मूल्यांकन कराया तो उनकी कीमत असलियत में दो करोड़ रुपये तक भी नहीं थी।
नई दिल्ली, पीटीआई। भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल के रेड कार्नर नोटिस (आरसीएन) हटाने के कुछ महीने बाद सीबीआइ ने अब एक नए मामले में आरोप पत्र दायर किया है। चोकसी ने वर्ष 2016 में आइएफसीआइ ने सस्ते हीरों की कीमत 98 प्रतिशत अधिक बताकर 25 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था जो कभी लौटाया ही नहीं।

कंपनी को उठाना पड़ा भारी नुकसान

अधिकारियों ने बताया कि इसी मामले में हाल ही में मुंबई में सीबीआइ की एक विशेष अदालत में आरोप लगाया गया कि चोकसी की कंपनी गीतांजली जेम्स ने इंडियन फाइनेशियल कारपोरेशन आफ इंडिया (आइएफसीआइ) से 25 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन इस कर्ज के बदले में जो 896 रत्नजड़ित गहने बंधक रखे थे, उनकी कीमत 45 करोड़ रुपये से अधिक की बताई गई थी। चोकसी का लिया कर्ज जब वापस नहीं हुआ तो सरकार की अनुमोदित कंपनी आइएफसीआइ ने बंधक रखे गए गहनों का मूल्यांकन कराया तो कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

सरकार ने गीतांजलि जेम्स पर भी दर्ज किया मामला

आइएफसीआइ ने जब गहनों का दोबारा मूल्यांकन कराया तो उनकी कीमत असलियत में दो करोड़ रुपये तक भी नहीं थी। सीबीआइ ने अपने आरोप पत्र में बताया है कि इन सस्ते गहनों की कीमत लोन लेने के समय 98 प्रतिशत अधिक बताई गई थी।

मूल्यांकन करने वालों ने बताया कि हीरों की गुणवत्ता बहुत ही निम्न स्तर की है। सभी 896 रत्नजड़ित गहनों की असली कीमत मात्र 69.32 लाख से 76.99 लाख रुपये ही है।

इसीलिए सरकार ने गीतांजलि जेम्स और उसके पूर्व निदेशक व गारंटर चोकसी, सरकारी मूल्यांकनकर्ता नरेंद्र झावेरी, प्रदीप सी.शाह, श्रेनिक शाह, केयुर मेहता आदि के खिलाफ मामला दर्ज किया है।