एबीजी शिपयार्ड के पूर्व सीएमडी ऋषि अग्रवाल से सीबीआइ ने की पूछताछ, देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले में कार्रवाई
सीबीआइ ने देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले की जांच के सिलसिले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर ऋषि अग्रवाल से पूछताछ की है। सीबीआइ ने इस मामले में सात फरवरी को एफआइआर दर्ज की थी।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 17 Feb 2022 08:50 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। सीबीआइ ने 22,848 करोड़ रुपये के कथित रूप से देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले की जांच के सिलसिले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) ऋषि अग्रवाल से पूछताछ की है। यह पूछताछ हाल ही में की गई, लेकिन अधिकारियों ने इसकी तारीख उजागर नहीं की। भारतीय स्टेट बैंक की 25 अगस्त, 2020 की शिकायत के आधार पर सीबीआइ ने इस मामले में सात फरवरी को एफआइआर दर्ज की थी।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआइ ने इस मामले के आरोपितों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया है ताकि वे देश छोड़कर न भाग सकें। उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात और पद के दुरुपयोग के कथित अपराधों के लिए कंपनी के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी; निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल व रवि विमल नेवेटिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को भी नामित किया है।
एफआइआर दर्ज करने के तत्काल बाद सीबीआइ ने 12 फरवरी को 13 स्थानों पर छापेमारी की थी। अधिकारियों ने दावा किया कि उन्हें आरोपित कर्जदार कंपनी की अकाउंट बुक्स जैसे कई दस्तावेज मिले हैं और उनकी छानबीन की जा रही है।
बैंक ने सबसे पहले आठ नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर सीबीआइ ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे। इसके बाद बैंक ने उसी साल अगस्त में नई शिकायत दर्ज कराई थी। करीब डेढ़ साल तक छानबीन करने के बाद सीबीआइ ने शिकायत पर कार्रवाई की और सात फरवरी को एफआइआर दर्ज की।
अधिकारियों ने कहा कि आंकड़े बहुत अधिक थे क्योंकि इसमें 28 बैंक शामिल थे और एफआइआर दर्ज करने से पहले उनका सत्यापन करने की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि कंपनी ने फंड्स को कथित रूप से बहुत सारी कंपनियों को डायवर्ट कर दिया था जिनकी विस्तार से छानबीन करने की जरूरत थी।