Oxfam India: ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ होगी CBI जांच, अमित शाह के निर्देश पर गृह मंत्रालय ने लिखा पत्र
विदेशी अनुदान के दुरूपयोग के आरोप में घिरे एनजीओ आक्सफैम इंडिया के खिलाफ सीबीआइ की जांच होगी। गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर गृह मंत्रालय ने सीबीआइ को जांच के लिए पत्र लिखा है। वहीं आक्सफैम इंडिया का एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण से गृहमंत्रालय पहले ही इनकार कर चुका है।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 06 Apr 2023 09:15 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेशी अनुदान के दुरूपयोग के आरोप में घिरे एनजीओ आक्सफैम इंडिया के खिलाफ सीबीआइ की जांच होगी। गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर गृह मंत्रालय ने सीबीआइ को जांच के लिए पत्र लिखा है। आक्सफैम इंडिया पर एफसीआरए नियमों का उल्लंघन कर भारत स्थित कई एनजीओ की फंडिंग का आरोप है।
विदेशी अनुदान के दुरुपयोग के मिले कई सबूत
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, पिछले साल आक्सफैम इंडिया के ठिकानों पर हुए आयकर विभाग के सर्वे में विदेशी अनुदान के दुरुपयोग के कई सबूत मिले थे। आयकर विभाग ने इससे गृह मंत्रालय को अवगत करा दिया। जब मामले को अमित शाह के सामने लाया गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि एफसीआरए नियमों का उल्लंघन एक गंभीर अपराध है और इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। इसके बाद मामले को सीबीआइ के पास जांच के लिए भेज दिया गया।
एनजीओ को ट्रांसफर करने पर लगा दी गई थी रोक
सूत्रों के अनुसार, एफसीआरए नियमों में 2020 में संशोधन कर विदेशी अनुदान के किसी दूसरे एनजीओ को ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी गई थी। विदेशी अनुदान का सिर्फ सामाजिक काम के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिसके लिए वह दिया गया है। लेकिन इसके बावजूद आक्सफैम इंडिया विदेशों से मिले अनुदान को सेंटर फार पालिसी रिसर्च (सीपीआर) और पूर्व आइएएस अधिकारी हर्ष मंदर के एनजीओ अमन बिरादरी को फंड ट्रांसफर किया था।छह माह के लिए किया जा चुका है लाइसेंस निलंबित
मालूम हो कि बिना एफसीआरए लाइसेंस के विदेशी अनुदान लेने और उसका दुरुपयोग करने के आरोप में हर्ष मंदर और उनके एनजीओ के खिलाफ जांच के लिए सीबीआइ को गृह मंत्रालय पहले ही कह चुका है। इसी तरह से विदेशी अनुदान के दुरूपयोग के आरोप में सीपीआर का एफसीआरए लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित किया जा चुका है।
एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण को नहीं मिली है मंजुरी
वहीं, आक्सफैम इंडिया का एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण से गृहमंत्रालय पहले ही इनकार कर चुका है। सूत्रों के अनुसार, आक्सफैम इंडिया ने सीपीआर को फंड अपने कर्मचारियों और सहयोगियों के नाम पर ट्रांसफर किये थे। वित्तीय वर्ष 2019-20 के आक्सफैम इंडिया के टीडीएस डाटा में इस तरह के 12,71,188 रुपये के ट्रांसफर करने के सबूत भी हैं।इसी तरह से नियम के मुताबिक, भारत में एनजीओ को एसबीआइ के विशेष एफसीआरए एकाउंट में विदेशी अनुदान लेने का नियम है। इसके बावजूद आक्सफैम इंडिया ने एफसीआरए एकाउंट के बजाय सीधे अपने फारेंस करेंसी यूटिलाइजेशन एकाउंट में 1.5 करोड़ रुपये लिए थे। यही नहीं, आयकर विभाग के सर्वे में मिले दस्तावेजों से साफ हो गया है कि आक्सफैम इंडिया को विदेश स्थित उन संस्थाओं से कई सालों तक अनुदान मिलते रहे, जो दूसरे देशों की विदेशी नीति को प्रभावित करने की कोशिश करते रहे हैं।