नौकरी देने के बहाने रूसी सेना में जबरन भर्ती, भारतीयों को रूस भेजने वाले तस्करों के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस की तैयारी
भारतीय नागरिकों को रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में धकेलने वाले मानव तस्कर गिरोह से जुड़े तीन आरोपितों के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस की तैयारी है। इंटरपोल रेड नोटिस 196 सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों से किया गया अनुरोध होता है कि वे प्रत्यर्पण आत्मसमर्पण या इसी तरह की अन्य कानूनी कार्रवाई लंबित रहने तक किसी खास व्यक्ति का पता लगाएं और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करें।
पीटीआई, नई दिल्ली। आकर्षक नौकरियों का प्रलोभन देकर भारतीय नागरिकों को रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में धकेलने वाले मानव तस्कर गिरोह से जुड़े तीन आरोपितों के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस की तैयारी है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि सीबीआई इंटरपोल रेड नोटिस अनुरोध करेगी।
हवाला आपरेटरों से पूछताछ करना चाहती है CBI
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआइ कथित हवाला ऑपरेटर रमेश कुमार पलानीसामी, मोहम्मद मोइनुद्दीन चिप्पा और फैसल अब्दुल मुतालिब खान को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है, ताकि पूरी साजिश का पर्दाफाश हो सके। माना जाता है कि पलानीसामी और मोइनुद्दीन रूस में हैं, जबकि फैसल खान के संयुक्त अरब अमीरात में होने का अनुमान है।
क्या होता है इंटरपोल रेड नोटिस?
इंटरपोल रेड नोटिस 196 सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों से किया गया अनुरोध होता है कि वे प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की अन्य कानूनी कार्रवाई लंबित रहने तक किसी खास व्यक्ति का पता लगाएं और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करें। सीबीआइ तीनों आरोपितों को प्रत्यर्पित करना चाहती है ताकि उन पर कानूनी कार्रवाई हो सके।
CBI ने इन लोगों को किया है नामजद
सीबीआइ ने मार्च में देशभर में संचालित मानव तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया था, जो भारतीय युवाओं को आकर्षक नौकरियों के बहाने रूस-यूक्रेन युद्ध के मोर्चे पर धकेल रहे थे। सीबीआइ ने प्राथमिकी में 24म7 आरएएस ओवरसीज फाउंडेशन, केजी मार्ग और इसके निदेशक सुयश मुकुट, ओएसडी ब्रोस ट्रैवल्स एंड वीजा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई और इसके निदेशक राकेश पांडेय, एडवेंचर वीजा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, चंडीगढ़ और इसके निदेशक मंजीत सिंह, बाबा व्लाग्स ओवरसीज रिक्रूटमेंट साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, दुबई और इसके निदेशक फैसल अब्दुल मुतालिब खान उर्फ बाबा को नामजद किया है।
भारतीयों को दिया जा रहा प्रलोभन
जांच से पता चलता है कि फैसल खान ने अपने यूट्यूब चैनल का इस्तेमाल भारतीयों को रूसी सेना में सुरक्षा गार्ड या सहायक के रूप में नौकरी दिलाने के लिए किया, जिसमें उन्हें अच्छे वेतन सहित विभिन्न सुविधाओं का वादा किया गया। सीबीआई को 35 ऐसे मामले मिले हैं, जिनमें युवाओं को इंटरनेट मीडिया चैनलों के माध्यम से प्रलोभन देकर रूस ले जाया गया।
सीबीआइ की प्राथमिकी में कहा गया है, उन्हें लड़ाकू भूमिकाओं के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था। रूसी सेना की वर्दी आदि दिए गए। उसके बाद इन भारतीयों को उनकी इच्छा के खिलाफ युद्ध क्षेत्र में अग्रिम मोर्चों पर तैनात किया गया और उनकी जान को गंभीर खतरे में डाला गया।