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CBI ने भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज किया पहला केस, तिहाड़ जेल से जुड़ा है पूरा मामला

सीबीआई ने कहा बुधवार शाम को दिल्ली के मौरिस नगर स्थित नारकोटिक्स सेल में तैनात हेड कांस्टेबल रवींद्र ढाका और परवीन सैनी के खिलाफ नए कानून 61(2) के तहत आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वतखोरी के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया। आरोप है कि पुलिस जवान तिहाड़ जेल में बंद शख्स की रिहाई के लिए 10 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Published: Thu, 04 Jul 2024 07:59 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2024 07:59 PM (IST)
सीबीआई ने भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज किया पहला केस। (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के दो जवानों के खिलाफ नए भारतीय न्याय संहिता के तहत अपनी पहली एफआईआर दर्ज की है। केंद्रीय एजेंसी ने गुरुवार को बताया कि तिहाड़ जेल में बंद एक शख्स की रिहाई में मदद के लिए 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में यह केस दर्ज किया है।

बता दें कि भारतीय न्याय संहिता ने ब्रिटिश काल की भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह ले ली है। सीबीआई ने बताया कि बुधवार शाम को दिल्ली के मौरिस नगर स्थित नारकोटिक्स सेल में तैनात हेड कांस्टेबल रवींद्र ढाका और परवीन सैनी के खिलाफ नए कानून 61(2) के तहत आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वतखोरी के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया।

आरोपियों ने गलत तरीके से ड्रग्स बरामद करना दिखाया

आरोप है कि आरोपी पुलिस जवान तिहाड़ जेल में बंद शिकायतकर्ता के भाई की रिहाई में मदद के लिए 10 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे। दरअसल, जेल में बंद शख्स के पास से एनआरएक्स ड्रग्स बरामद हुई थी। पीड़ित शिकायतकर्ता ने सीबीआई को बताया कि ड्रग्स को गलत तरीके से उसके भाई कोशिंदर के पास दिखाया गया है।

रवींद्र ढाका और परवीन सैनी ने फर्जी बिल तैयार किया

वहीं, सीबीआई ने आरोप लगाया है कि रवींद्र ढाका और परवीन सैनी ने फर्जी बिल तैयार करने और उन्हें सक्षम कोर्ट के सामने पेश करने के लिए शिकायतकर्ता को एनआरएक्स ड्रग्स की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए रिश्वत की मांग की थी।

सीबीआई ने शिकायतकर्ता को गुप्त रिकॉर्डर के साथ भेजा

सीबीआई ने शिकायतकर्ता के दावों की पुष्टि करने के लिए उसे गुप्त रिकॉर्डर के साथ भेजा। आरोपी रवींद्र ढाका ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता से कहा कि मामले का जांच अधिकारी 2.50 करोड़ रुपये में समझौता कर लेगा।

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