Move to Jagran APP

आंध्र की छात्रा के दुष्कर्म और हत्या की जांच सीबीआइ ने शुरू की

सीबीआइ की हैदराबाद की शाखा ने मुख्य मामले में एफआइआर दर्ज की है। जबकि सुबूत नष्ट करने संबंधी एफआइआर विशाखापत्तनम में दर्ज की गई है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Sat, 29 Dec 2018 08:49 PM (IST)
आंध्र की छात्रा के दुष्कर्म और हत्या की जांच सीबीआइ ने शुरू की
आंध्र की छात्रा के दुष्कर्म और हत्या की जांच सीबीआइ ने शुरू की

विजयवाड़ा, आइएएनएस। एक निजी अस्पताल में एक छात्रा के दुष्कर्म और हत्या के 11 साल बाद हैदराबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने इस मामले में नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मामले में दो अलग-अलग एफआइआर दर्ज की हैं। पहली एफआइआर उन अज्ञात लोगों के खिलाफ है जिन्होंने 19 वर्षीय छात्रा से दुष्कर्म कर उसकी हत्या की थी। दूसरी एफआइआर विजयवाड़ा की एक अदालत के तीन कर्मियों के खिलाफ है जिन्होंने सुबूतों को नष्ट किया था। सीबीआइ ने टी.कुमारी, वाइ सुब्बा रेड्डी और पी.वेंकट कुमार समेत महिला अदालत के सभी कर्मचारियों को नामजद किया है।

सीबीआइ की हैदराबाद की शाखा ने मुख्य मामले में एफआइआर दर्ज की है। जबकि सुबूत नष्ट करने संबंधी एफआइआर विशाखापत्तनम में दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि हैदराबाद हाईकोर्ट ने विगत नवंबर में सीबीआइ को इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। साथ ही विजयवाड़ा की महिला अदालत में भी सुबूतों को नष्ट करने की जांच करने को कहा था।

ध्यान रहे कि यह वारदात 26 दिसंबर और 27 दिसंबर, 2007 की रात को हुई थी। पीड़िता बी फार्मेसी की छात्रा थी और उसका खून में डूबा शव श्री दुर्गा लेडीज हास्टल के बाथरूम में मिला था। वर्ष 2008 को पुलिस ने दावा किया कि सेलफोन चोरी में गिरफ्तार सत्यम बाबू ने हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है। हालांकि पीड़िता के मां-बाप, दो टीचरों का कहना था कि पुलिस सत्यम बाबू को फंसाकर इस मामले की जांच से एक शक्तिशाली नेता के रिश्तेदार को बचाने का प्रयास कर रही है।

विजयवाड़ा की महिला अदालत ने 10 सितंबर, 2010 को इस जुर्म के लिए सत्यम बाबू को आजीवन कारावास की सजा दी। लेकिन 2017 में हैदराबाद हाईकोर्ट ने सत्यम को बरी कर दिया तो राज्य सरकार ने नए सिरे से जांच के लिए विशेष जांच दल गठित कर दिया। हाईकोर्ट ने भी इस मामले में संज्ञान लेते हुए जांच सीबीआइ को सौंप दी।