भारत सरकार का बड़ा फैसला, वायु सेना में मिराज और जगुआर की जगह लेगा स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस; राफेल को देगा टक्कर
कैबिनेट कमेटी आन सिक्योरिटी (CCS) ने लड़ाकू विमान तेजस के अधिक प्रभावी माडल के विकास को मंजूरी दे दी है। यह विमान मिराज जगुआर और मिग-29 लड़ाकू विमान की जगह लेगा। यह इतना उन्नत किसम का होगा कि राफेल तक को टक्कर देगा।
By Mahen KhannaEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 03:51 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (LCA Mark 2) की सफलता को देखते हुए भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट कमेटी आन सिक्योरिटी (CCS) ने बुधवार को एलसीए मार्क 2 लड़ाकू विमान के अधिक प्रभावी माडल के विकास को मंजूरी दे दी है। अब यह विमान मिराज 2000, जगुआर और भारतीय वायु सेना में मिग-29 लड़ाकू विमान की जगह लेगा।
2027 तक पूरा होगा मेगा प्रोजेक्ट
एलसीए मार्क 2 लड़ाकू विमान विकास परियोजना को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इससे डिजाइनरों के लिए एक उन्नत 17.5 टन एकल इंजन विमान विकसित करने का रास्ता खुल गया है। एयरोनाटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) प्रमुख गिरीश देवधरे ने समाचार एजेंसी एएनआइ को प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि नए विमानों का विकास 2027 तक पूरा किया जाएगा।
LCA Mark 2 fighter aircraft development project was cleared by govt. This would pave way for designers to develop an advanced 17.5-tonne single-engine aircraft. Development of new aircraft to be completed by 2027: Aeronautical Development Agency chief Girish Deodhare
(File Pic) pic.twitter.com/nqjyMbOqyl
— ANI (@ANI) September 1, 2022
प्रोटोटाइप के विकास को मंजूरी
देवधर ने कहा कि परियोजना को एलसीए मार्क 1ए कार्यक्रम में हुई प्रगति से लाभ मिलेगा और पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान परियोजना के विकास में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रोटोटाइप के विकास को मंजूरी दे दी है, जिनमें से पहला एक साल में शुरू होने की संभावना है। यह परियोजना व्यापक उड़ान परीक्षणों और अन्य संबंधित कार्यों के बाद वर्ष 2027 तक पूरी होने वाली है।राफेल को टक्कर देगा तेजस
DRDO के अनुसार यह विमान एवियोनिक्स और क्षमताओं के मामले में राफेल विमान की श्रेणी का होगा, लेकिन वजन में हल्का होगा। सरकार ने यह भी मंजूरी दे दी है कि विमान में इस्तेमाल होने वाले इंजन प्रारंभिक विकास चरण के बाद मेड इन इंडिया होने चाहिए।DRDO इस नए विमान को GE-414 इंजन के साथ विकसित करेगा जो GE-404s का उन्नत संस्करण है जो मौजूदा LCA और 83 LCA मार्क 1As को अधिक शक्ति देगा, जो अगले कुछ वर्षों में IAF में शामिल होना शुरू हो जाएगा। वर्तमान में, 30 LCAs IAF के साथ सेवा में हैं और दो का उपयोग HAL द्वारा Mark 1As को विकसित करने के लिए किया जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावाः वायू सेना प्रमुख
वायू सेना प्रमुख वीआर चौधरी के अनुसार यह निर्णय हमारे अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के स्वदेशी डिजाइन और विकास को जबरदस्त बढ़ावा देगा। यह विमान निर्माण के क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' पहल को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के लड़ाकू स्क्वाड्रनों की तेजी से घटती ताकत और आने वाले वर्षों में मिग 21 विमान से चरणबद्ध तरीके से बाहर होने के मद्देनजर, यह आवश्यक है कि परियोजनाओं के लिए निर्धारित समय-सीमा का पालन किया जाए।