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'भारत को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए', CDS अनिल चौहान बोले- अनिश्चित होता जा रहा भविष्य

CDS Anil Chauhan चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि आज का जियोपॉलिटिकल माहौल बर्बादी की ओर जा रहा है। इस अनिश्चित भविष्य की तरफ बढ़ रहे हरेक देश का सब कुछ दांव पर लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन उसे युद्ध के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 04 Oct 2024 11:25 PM (IST)
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अनिल चौहान ने कहा कि भारत के पास पर्याप्त 'दांत' यानी मारक क्षमता होनी चाहिए। (File Image)

पीटीआई, नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत जैसे शांतिप्रिय देश के पास पर्याप्त मारक क्षमता होनी चाहिए। आज का जियोपॉलिटिकल माहौल बर्बादी की ओर जा रहा है। इस अनिश्चित भविष्य की तरफ बढ़ रहे हरेक देश का सब कुछ दांव पर लगा हुआ है।

सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्यूफैक्चर्स (एसआइडीएम) की मेजबानी के दौरान सीडीएस अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि शांति को संरक्षित करने के लिए प्रतिरोधक क्षमता ही एक विश्वसनीय उपाय है। भारत जैसे शांतिप्रिय देशों के पास पर्याप्त 'दांत' यानी मारक क्षमता होनी चाहिए।

रामधारी सिंह दिनकर की कविता का दिया उदाहरण

उन्होंने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उसे युद्ध के लिए भी तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया के विभिन्न हिस्सों में जारी संघर्ष के बीच विभिन्न देशों का भविष्य अनिश्चित होता जा रहा है। इजरायल-हमास और इजरायल-हिजबुल्ला संघर्ष के भविष्य में और बढ़ने की आशंका है।

जनरल चौहान ने कहा कि हम जिस दुनिया को अपने आसपास देख रहे हैं, वह असल में एक अप्रत्याशित संकट में है। हरेक के दिमाग में यही सवाल कौंध रहा है कि राजनीतिक विवादों को सुलझाने के लिए क्या युद्ध सरकारी नीतियों का हिस्सा बने रहेंगे तो जवाब हां में है।

युद्ध मानव जीवन और मानव स्वभाव का अभिन्न अंग: CDS

उन्होंने रक्षा उद्योग के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध मानव जीवन और मानव स्वभाव का अभिन्न अंग है। युद्ध और युद्ध के हथियार मानव सभ्यताओं का हिस्सा रहे हैं। युद्ध की एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें रनरअप कोई नहीं होता। एक ही विजेता होता है, जो सब ले जाता है।