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Gaganyaan Mission: गगनयान मिशन के लिए ISRO ने लगाई एक और छलांग, सीई20 क्रायोजेनिक इंजन तैयार

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद इसरो गगनयान मिशन पर तेजी के साथ काम शुरू कर दिया है। इसरो ने बताया कि सीई20 क्रायोजेनिक इंजन अब गगनयान मिशन के लिए एकदम तैयार है। कई परीक्षणों के बाद सीई 20 क्रायोजेनिक इंजन को सेफ्टी का सर्टिफिकेट मिल गया है। इसरो ने कहा कि ये ग्राउंड क्वालिफिकेशन टेस्ट इसलिए जरूरी होता है ताकि इंजन ठीक से काम करेगा या नहीं?

By Agency Edited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 21 Feb 2024 07:33 PM (IST)
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चंद्रयान-3 मिशन के बाद अब गगनयान की तैयारी (फोटो: ISRO)
पीटीआई, बेंगलुरु। चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) की सफलता के बाद इसरो गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) पर तेजी के साथ काम शुरू कर दिया है। गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष अभियान है। इसरो ने इस दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ा दिया है।

इसरो ने क्या कुछ कहा?

इसरो (ISRO) ने नई जानकारी देते हुए बताया कि सीई20 क्रायोजेनिक इंजन अब गगनयान मिशन के लिए एकदम तैयार है। कई परीक्षणों के बाद सीई 20 क्रायोजेनिक इंजन को सेफ्टी का सर्टिफिकेट मिल गया है। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बताया,

सीई20 क्रायोजेनिक इंजन अब गगनयान मिशन के लिए एकदम तैयार है। सीई20 इंजन का ग्राउंड क्वालिफिकेशन टेस्ट का अंतिम दौर 13 फरवरी को पूरा हुआ था। इसके तहत इस क्रायोजेनिक इंजन की मानव रेटिंग प्रक्रिया को सफल माना गया है।

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इसरो ने कहा कि ये ग्राउंड क्वालिफिकेशन टेस्ट इसलिए जरूरी होता है ताकि इंजन ठीक से काम करेगा या नहीं? इंजन सुरक्षा के रूप में कैसा है और यह पूरी तरह तैयार है या नहीं। साथ ही यह प्रामाणित करना जरूरी होता है कि कड़े सुरक्षा और विश्वसनीयता के मानक को यह पूरा करता है या नहीं।

इसरो के अनुसार, मानव रेटिंग मानकों के तहत सीई20 इंजन को योग्य बनाने के लिए चार इंजनों को अलग-अलग हालात में 39 हॉट फायरिंग टेस्ट्स से गुजरना पड़ा। यह प्रक्रिया 8 हजार 810 सेकंड तक चली। खास बात है कि योग्यता हासिल करने के लिए इंजनों को 6 हजार 350 सेकंड तक इन टेस्ट्स से गुजरना जरूरी है। यह इंजन मानव रेटेड एलवीएम 3 लॉन्च वाहन के ऊपरी चरण को शक्ति प्रदान करेगा।

क्या है गगनयान मिशन

गौरतलब है कि गगनयान मिशन के तहत इसरो इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। इस मिशन के तहत तीन लोगों की टीम को अंतरिक्ष में पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा और फिर उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस उतारा जाएगा।

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गगनयान मिशन को इसी साल लॉन्च करने का लक्ष्य है। पहले यह मिशन साल 2022 में ही लॉन्च होना था, लेकिन कोरोना महामारी और मिशन की जटिलताओं के चलते इसमें देरी हो गई। इसरो का गगनयान मिशन अगर सफल रहा तो ऐसा करने वाला भारत, अमेरिका, चीन और सोवियत संघ के बाद चौथा देश बन जाएगा।