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सम्मेद शिखर को तीर्थस्थल ही रहने देगी केंद्र और राज्य सरकार, NCM प्रमुख ने दी जानकारी

झारखंड सरकार और केंद्रीय विधान के तहत जैन तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी को ईको-टूरिज्म हब बनाने को लेकर जैन समुदाय के बहुत से अभिवेदन प्राप्त हुए थे। केंद्र ने 5 जनवरी को पारसनाथ हिल जिसपर धार्मिक स्थल स्थित है पर किसी भी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 18 Jan 2023 04:55 PM (IST)
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केंद्र ने 5 जनवरी को पारसनाथ हिल पर किसी भी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी।
नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्र और झारखंड सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जैन तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन केंद्र में न बदलते हुए तीर्थस्थान ही रहने दिया जाएगा। यह जानकारी बुधवार को अप्लसंख्यकों के लिए राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने दी। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा मंगलवार को इस मामले पर की गई सुनवाई में झारखंड सरकार ने यह आश्वासन दिया कि वह जल्द ही इस मामले पर आधिकारिक आदेश जारी करेगी।

मदिरा और मांसाहार की अनुमति नहीं

लालपुरा ने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान कहा कि जैन समुदाय झारखंड के जिस सम्मेद शिखर को लेकर प्रदर्शन कर रहा था, केंद्र और झारखंड सरकार ने यह फैसला लिया है कि उसे तीर्थस्थान ही रखा जाएगा। यहां मदिरा और मांसाहार की अनुमति नहीं दी जाएगी। हमने इस मामले में हस्तक्षेप किया था और हम केंद्र और झारखंड सरकार को इस बात के लिए धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमारी सिफारिशों का ध्यान रखा। जैन समुदाय इस फैसले से अब शांत है।

केंद्र ने लगा दी थी रोक

एनसीएम ने पहले बताया था कि झारखंड सरकार और केंद्रीय विधान के तहत जैन तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखरजी को ईको-टूरिज्म हब बनाने को लेकर जैन समुदाय के बहुत से अभिवेदन प्राप्त हुए थे। केंद्र ने 5 जनवरी को पारसनाथ हिल जिसपर धार्मिक स्थल सम्मेद शिखरजी स्थित है पर किसी भी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। साथ ही झारखंड सरकार को उस स्थान की पवित्रता को बचाए रखने के लिए जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे।

पूरे देश के लिए आस्था का विषय है

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की जैन समुदाय से मुलाकात के बाद इस घटनाक्रम में तेजी आई। यादव ने जैन समुदाय को यह विश्वास दिलवाया था कि सरकार सम्मेद शिखरजी पवित्र क्षेत्र की पवित्रता को बिनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। यह क्षेत्र न केवल जैन बल्की पूरे देश के लिए आस्था का स्थान है। सम्मेद शिखरजी झारखंड के गिरडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित है। यह जैन समुदाय के सबसे बड़े तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है।

जैन समुदाय के लोग राज्य सरकार द्वारा पारसनाथ पहाड़ी पर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के फैसले का विरोध कर रहे थे। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर अगस्त 2019 में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने पारसनाथ सेंचुरी के आसपास के इलाके को ईको सेंसेटिव जोन घोषित कर ईको टूरिज्म की अनुमति प्रदान की थी।

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