नैफेड को मिलेगा जीवनदान, केंद्र करेगा राहत-पैकेज का एलान
नैफेड को जीवनदान देने के लिए केंद्र सरकार राहत पैकेज का ऐलान करेगी। विधि मंत्रालय ने संस्थान के पुनरोद्धार मसौदे को मंजूरी दे दी है।
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। सहकारी क्षेत्र की विशिष्ट संस्था नैफेड को जीवनदान मिलने के आसार बढ़ गये हैं। केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से संस्थान के पुराने घाटे को चुकता करने का रास्ता मिल गया है। इसके लिए कृषि मंत्रालय जल्दी ही इस आशय का प्रस्ताव कैबिनेट के की मंजूरी के लिए पेश करेगा। वित्त मंत्रालय की हामी और विधि मंत्रालय की कानूनी स्वीकृति के बाद कृषि मंत्रालय ने इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिया है।
वित्तीय विवाद सुलझा
नैफेड के सभी वित्तीय विवादों को सुलझा लिया गया है, जिससे 1500 करोड़ रुपये का बकाया घटकर अब सिर्फ 478 करोड़ रुपये रह गया है। नैफेड के प्रबंध निदेशक संजीव चढ्डा ने बताया कि सरकार के सहयोग से संस्थान का संचालन सरल हो जाएगा। संचालन से होने वाले लाभ से घाटे की भरपाई की जा सकती है। सरकारी पैकेज से नैफेड की राह आसान हो जाएगी।
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नैफेड की कृषि मंत्री ने की तारीफ
केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह ने नैफेड को वर्तमान प्रबंधन की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले दो सालों संस्था का टर्नओवर 400 करोड़ रुपये से बढ़कर 1500 करोड़ रुपये हो गया है। अगले साल यह बढ़कर 3000 करोड़ रुपये हो जाएगा। प्रबंध निदेशक चड्ढा ने बताया कि नैफेड की सभी प्रापर्टी को किराये पर दे दिया गया है, जिससे सालाना 18 से 20 करोड़ रुपये की आमदनी होने लगी है।
'किसानों के लिए नैफेड का होना जरूरी'
कृषि मंत्री सिंह शुक्रवार को यहां नैफेड के ऐप और खुशबूदार चाय की लांचिंग के मौके पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने सहकारी संस्थाओं के शीर्ष नेताओं को आड़े हाथों लिया। सिंह ने कहा कि सहकारिता नेतृत्व को विचार करना चाहिए। सहकारी संस्थाओं में आम लोगों के बजाय व्यक्ति विशेष को लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि नैफेड की दुर्दशा की वजह उसके कर्मचारी नहीं बल्कि सहकारी नेता हैं। कर्मचारी तो किसी के औजार बने होंगे।