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अब 'श्री विजयपुरम' के नाम से जाना जाएगा पोर्ट ब्लेयर, केंद्र सरकार ने बदला नाम

Shri Vijayapuram केंद्र सरकार ने अहम फैसला लेते हुए अंडमान और निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलने की घोषणा की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी घोषणा की। उन्होंने सोशल मीडिया में लिखा कि देश को गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प से प्रेरित होकर गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 13 Sep 2024 06:57 PM (IST)
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अमित शाह ने कहा कि श्री विजयपुरम नाम स्वाधीनता के संघर्ष में अंडमान-निकोबार के योगदान को दर्शाता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम 234 सालों बाद बदलकर अब 'श्री विजयपुरम' कर दिया है। इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 'श्री विजयपुरम' नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में कहा कि देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प से प्रेरित होकर गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम 'श्री विजयपुरम' करने का फैसला लिया है। इस भारतीय द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है।

अमित शाह ने बताया संघर्ष का प्रतीक

गृह मंत्री ने कहा कि चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका अदा करने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है। यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा मां भारती की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का स्थान भी है।

1789 में ले.अर्कीबाल्ड ब्लेयर आए थे भारतीय द्वीप

इस भारतीय द्वीप पर अंग्रेजों के कब्जे में लेने के बाद 1788 एडी में अंडमान सागर का सर्वे करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने ले.अर्कीबाल्ड ब्लेयर को भेजा था। वह वर्ष 1789 में इस द्वीप पर पहुंचे और लाव-लश्कर के साथ यहीं रहने लगे। तब उन्होंने इस द्वीप का नाम तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड कार्नवालिस के नाम पर रखा था, लेकिन बाद में इस बंदरगाह द्वीप का नाम ब्लेयर के नाम पर ही 'पोर्ट ब्लेयर' पड़ गया।