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Budget 2024: विकसित राष्ट्र भी और सधी राजनीति भी, 2.66 लाख करोड़ से बदलेगी गांवों की सूरत; खजाना भी मजबूत

Budget 2024 मंगलवार को पेश केंद्र सरकार के बजट में विकसित राष्ट्र और सधी राजनीति की झलक देखने को मिली। सरकार ने आंध्र प्रदेश और बिहार में खास फोकस किया है। वहीं गावों की सूरत भी बदलने का एलान किया है। तमाम घोषणाओं के बावजूद सरकार का खजाना भी मजबूत है। आने वाले पांच सालों में 4.10 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 23 Jul 2024 10:33 PM (IST)
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Budget 2024: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण। (फोटो- एएनआई)
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार 3.0 का पहला आम बजट वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देशों की श्रेणी में स्थापित करने और गठबंधन की राजनीति के बीच सामंजस्य बनाने की व्यावहारिक कोशिश है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकलुभावन घोषणाओं और बिग टिकट रिफॉर्म से परहेज किया है लेकिन आम मध्यम वर्ग को आय कर में कुछ छूट देकर और अगले पांच वर्षों में दो लाख करोड़ रुपये की मदद से 4.10 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की घोषणा के जरिए सरकार ने पिछले आम चुनाव में मनमाफिक परिणाम नहीं आने की वजहों को साधने की कोशिश की है।

नई सोच का सामने रखा

इसी तरह से बिहार व आंध्र प्रदेश से संबंधित घोषणाओं को आम बजट में प्रमुखता से शामिल होना गठबंधन सरकार की प्रकृति को भी दिखाता है। दूसरी तरफ सरकार राजकोषीय संतुलन स्थापित करने में पूरी तरह से सफल दिखती है और भूमि, श्रम जैसे संवेदनशील क्षेत्र में अटके पड़े आर्थिक सुधारों को लागू करने के लिए नई सोच को सामने रखा है।

पेश किया विकसित भारत का रोडमैप

वित्त मंत्री सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश किया है जो अपने आप में रिकॉर्ड है। उनका बजट अभिभाषण सिर्फ 1.25 घंटे का रहा लेकिन यह फरवरी, 2024 में पेश अंतरिम बजट की सोच व नीतियों की निरंतरता को कायम रखने वाले हैं। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने आम बजट में विकसित भारत का विस्तृत रोडमैप पेश करना का वादा किया था और मंगलवार को उन्होंने यह किया भी।

सरकार ने तय की नौ प्राथमिकताएं

विकसित भारत के रोडमैप के तहत नौ प्राथमिकताएं तय की गई हैं जो हैं कृषि में उत्पादकता, रोजगार व कौशल प्रशिक्षण, मानव संसाधन विकास व सामाजिक न्याय, मैन्यूफैक्चरिंग व सर्विस सेक्टर, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन (शोध व विकास) और अगली पीढ़ी के सुधार। गौर से देखा जाए तो इन सभी सेक्टरों में जो घोषणाएं की गई हैं, उनसें से अधिकांश सीधे या परोक्ष तौर पर रोजगार के अवसर को बढ़ाने वाले हैं।

वित्तमंत्री ने किया 57 बार रोजगार शब्द का इस्तेमाल

कोई आश्चर्य नहीं कि वित्त मंत्री के अभिभाषण में रोजगार शब्द का कुल 57 बार इस्तेमाल किया गया है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में एसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने की बात हो या रोजगारपरक उद्योगों के लिए जरूरी कच्चे माल पर आयात शुल्क घटाने का फैसला हो या ज्यादा रोजगार देने के लिए निजी सेक्टर को प्रोत्साहित करने वाली घोषणाएं हो या पांच वर्षों में उद्योग के मुताबिक 20 लाख प्रशिक्षित युवाओं को तैयार करने की घोषणा हो, ये सब रोजगार के मोर्चे पर उठ रहे राजनीतिक सवालों का जवाब दे सकते हैं।

दो लाख करोड़ खर्च करेगी सरकार

रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार अगले पांच वर्षों में कुल दो लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी और इससे 4.10 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा होने का लक्ष्य रखा गया है। सनद रहे कि एक दिन पहले पेश आर्थिक सर्वेक्षण में वर्ष 2030 तक देश में हर साल 78.5 लाख नौकरियों की जरूरत बताई गई है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने बजटीय प्रावधानों को लेकर कहा है कि, “इससे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगा और एक विकसित देश बन सकेंगे।''

एंजेल टैक्स होगा खत्म

पीएम ने युवाओं, वंचित वर्ग और ग्रामीण क्षेत्र के विकास को तवज्जो देने संबंधी उपायों की खास तौर पर प्रशंसा की है। ग्रामीण विकास के लिए बजट में 2.66 लाख करोड़ रुपये और ढांचागत विकास के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान सरकार की नीतिगत निरतंता को ही दिखाता है। वित्त मंत्री ने स्टार्ट अप सेक्टर पर लगाये जाने वाले एंजेल टैक्स को समाप्त करने का एलान किया है।

सोना-चांदी और मोबाइल होंगे सस्ते

मोबाइल फोन के साथ सोना और चांदी पर सीमा शुल्कि को घटा दिया है जिससे इनका आयात सस्ता होगा। मध्यम वर्ग को इस बात से भी राहत मिलेगी कि आयकर गणना में स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि को 50 से बढ़ा कर 75 हजार रुपये किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि इससे नई टैक्स व्यवस्था को अपनाने वाले करदाताओं को औसतन 17,500 रुपये की कर बचत होगी। इसी तरह से पूंजीगत लाभ गणना को लेकर मौजूदा जटिल नियमों को आसान बनाया गया है।

बिहार और आंध्र प्रदेश को साधा

वित्त मंत्री ने बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए खास तौर पर घोषणाएं की हैं। बिहार की जदयू और आंध्र प्रदेश की टीडीपी केंद्र सरकार में प्रमुख सहयोगी दल हैं। दोनों दलों की तरफ से अपने अपने राज्यों के लिए विशेष पैकेज की मांग की जा रही थी जिसे एक तरह से बजटीय प्रावधानों से पूरा किया गया है। बिहार में एक्सप्रेसवे, बिजली परियोजना, हवाई अड्डों के निर्माण जैसे ढांचागत क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कुल 60 हजार करोड़ रुपये की मदद देने की घोषणा है जबकि आंध्र प्रदेश को केंद्र की मदद से 15 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दिलाई जाएगी।

सरकार पर 11.63 लाख करोड़ रुपये की उधारी

इस अतिरिक्त बोझ के बावजूद सरकार के खजाने की स्थिति बेहद मजबूत है और राजकोषीय घाटे को चालू वित्त वर्ष के दौरान 4.9 फीसद व अगले वित्त वर्ष 4.5 फीसद पर लाने को लेकर वित्त मंत्री पूरी तरह से आशान्वित हैं। आम बजट 2024-25 के दौरान सरकार की कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ रुपये और व्यय 48.21 लाख करोड़ रुपये का है। जबकि बाजार से उधारी 11.63 लाख करोड़ रुपये का है।

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