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NEET और UGC-NET परीक्षाओं पर विवाद के बीच सरकार ने पेपर लीक कानून किया लागू, पढ़िए कितनी होगी सजा और कितना लगेगा जुर्माना

नीट और यूजीसी-नेट परीक्षाओं के विवादों के बीच केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है। जारी अधिसूचना के मुताबिक कार्मिक विभाग ने इस कानून को 21 जून से लागू करने की घोषणा की। वहीं इस कानून के आने से पेपर लीक और धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो सकेगी।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Published: Sat, 22 Jun 2024 12:31 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2024 08:03 AM (IST)
सरकार ने देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है

जागरण डेस्क, नई दिल्ली। पेपर लीक विवाद के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात एक सख्त कानून लागू कर दिया जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को रोकना है। इस कानून में दोषियों के लिए अधिकतम 10 वर्ष कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को मंजूरी दिए जाने के लगभग चार महीने बाद कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया कि कानून के प्रविधान 21 जून से ही लागू होंगे।

यह कदम बेहद महत्वपूर्ण

यूजीसी-नेट, 2024 के प्रश्न पत्र लीक को लेकर चल रहे विवाद के बीच यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अधिसूचना में कहा गया है, ''सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 (2024 का 1) की धारा एक की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार 21 जून, 2024 को उक्त अधिनियम के प्रविधानों को लागू करती है।''

एक दिन पहले ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से पूछा गया था कि यह कानून कब लागू होगा, तब उन्होंने कहा था कि कानून मंत्रालय नियम बना रहा है।

राष्ट्रपति मुर्मु ने 12 फरवरी को इसे मंजूरी दी थी

सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को लोकसभा ने छह फरवरी और राज्यसभा ने नौ फरवरी को पारित किया था। राष्ट्रपति मुर्मु ने 12 फरवरी को इसे मंजूरी दी थी।

इस अधिनियम का उद्देश्य यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) आदि द्वारा आयोजित सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों का प्रयोग रोकना है। इसमें धोखाधड़ी रोकने के लिए न्यूनतम तीन से पांच वर्ष के कारावास का प्रविधान है, जबकि धोखाधड़ी के संगठित अपराध में शामिल लोगों पर पांच से 10 वर्ष की कैद एवं एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना होगा।

ऐसे अपराधों से सख्ती से निपटा जाएगा

केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने पूर्व में कहा था कि यह अधिनियम अभ्यर्थियों की इसके प्रविधानों से सुरक्षा करता है। इस कानून से पहले केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में शामिल विभिन्न संस्थाओं द्वारा अपनाए गए अनुचित साधनों या अपराधों से निपटने के लिए कोई विशिष्ट ठोस कानून नहीं था।

अपराधियों को मिलेगी सजा

बता दें कि नेट-यूजीसी यूपीएससी, एसएससी, रेलवे भर्ती, बैंकिंग जैसे परीक्षाओं की पेपर लीक करने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए मोदी सरकार ने एंटी पेपर कानून बनाई थी, जिसे सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024 नाम दिया गया है। इस साल के फरवरी महीने में इस कानून को पारित किया गया था।

  • कानून के मुताबिक, पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने के बाद व्यक्ति को 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • दूसरे कैंडिडेट के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में दोषी पाए जाने पर अपराधी को 3 से 5 साल की जेल होगी और 10 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
  • इसके अलावा अगर परीक्षा में गड़बड़ी मामले में किसी संस्थान का नाम सामने आता है तो उस संस्थान से परीक्षा का पूरा खर्चा वसूला जाएगा। वहीं, संस्थान की संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है।

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