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Budget 2024: बेरोजगारी से निपटने का रोडमैप तैयार, 4.10 करोड़ युवाओं को मिलेगा रोजगार, एक करोड़ को इंटर्नशिप

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश किया। बजट में सरकार का फोकस रोजगार पर रहा है। आने वाले पांच साल में सरकार का ध्यान चार करोड़ 10 लाख युवाओं को रोजगार देने पर है। पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं के पहले महीने के वेतन का भुगतान सरकार खुद करेगी। यह रकम तीन किस्तों में दी जाएगी।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 23 Jul 2024 07:47 PM (IST)
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Budget 2024: बजट में युवाओं से जुड़े कई बड़े एलान। (फोटो एएनआई)
नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा बने बेरोजगारी की समस्या से निपटने पर मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में पूरा जोर दिया गया है। इसकी अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में रोजगार शब्द का इस्तेमाल 57 बार किया।

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युवाओं को रोजगार पर फोकस

बजट की नौ प्राथमिकताओं में भी रोजगार और कौशल विकास दूसरे स्थान पर है। सीतारमण के अनुसार आने वाले दो से चार साल में इससे चार करोड़ 10 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा और इस पर दो लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

पहले महीने का वेतन देगी सरकार

प्रधानमंत्री रोजगार और कौशल प्रशिक्षण पैकेज के तहत निजी कंपनियों के लिए तीन तरह के प्रोत्साहन की घोषणा की गई है। पहले प्रोत्साहन पैकेज के तहत निजी कंपनी में पहली बार नौकरी पाने वाले युवा की पहले महीने के वेतन का भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा। इसके लिए शर्त यह है कि उस युवा का वेतन प्रति महीना एक लाख रुपये से कम होना चाहिए।

तीन किस्तों में मिलेगा वेतन

पहले महीने के इस वेतन का भुगतान तीन किस्तों में किया जाएगा, लेकिन दूसरी किस्त जारी होने के पहले युवा को ऑनलाइन वित्तीय साक्षरता का पाठ्यक्रम सीखना अनिवार्य होगा। इसके लिए प्रति युवा अधिकतम सहायता की राशि 15 हजार रुपये निर्धारित की गई है। 12 महीने से पहले नौकरी से निकालने की स्थिति में नियोक्ता कंपनी को सरकार द्वारा दी गई राशि को वापस करना होगा।

23 हजार करोड़ होंगे खर्च

सरकार का अनुमान है कि इससे एक साल में एक करोड़ से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। दो साल तक चलने वाले इस योजना पर 23 हजार करोड़ रुपये का खर्च होंगे। इसके साथ ही ईपीएफओ में अंशदान करने वाले नियोक्ताओं को विनिर्माण क्षेत्र में नई नौकरी सृजित करने पर सहायता दी जाएगी। इसके तहत ईपीएफओ में जमा होने वाली नियोक्ता और कर्मचारी के एक हिस्से का भुगतान सरकार करेगी।

पहली बार नौकरी पर मिलेगा लाभ

शर्त यह है कि नौकरी पाने वाला युवा पहले कभी ईपीएफओ में शामिल नहीं हुआ हो यानी पहली बार नौकरी पर आया हो और उसका वेतन प्रतिमाह एक लाख रूपये से अधिक नहीं हो। ईपीएफओ में अंशदान में मिलने वाली यह सहायता पहली बार नौकरी की स्थिति में पहला महीना के वेतन के रूप में दी जाने वाली सहायता से अलग होगी। सरकार का अनुमान है कि इससे दो सालों में 30 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा और इस पर कुल 52 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

नियोक्ता को भी वित्तीय सहायता

इसके साथ ही बड़े पैमाने पर पहली बार रोजगार देने वाले नियोक्ताओं के लिए अलग से वित्तीय सहायता का एलान किया गया है। इसके अलावा एक साल में 50 या उससे अधिक नई नौकरी सृजित करने वाले कारपोरेट और गैर-कारपोरेट प्रतिष्ठानों में पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं के वेतन का एक हिस्सा सरकार देगी। इसके तहत पहले और दूसरे साल में वेतन का 24 फीसद प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाएगा, तीसरे साल में यह राशि वेतन का 16 फीसद और तीसरे साल में आठ फीसद हो जाएगी।

32 हजार करोड़ होंगे खर्च

प्रोत्साहन राशि नियोक्ता और कर्मचारी के बीच बराबर-बराबर बांटा जाएगा। इसमें भी एक लाख रुपये प्रतिमाह से कम वेतन होने की शर्त है। लेकिन प्रतिमाह 25 हजार से अधिक का वेतन होने की स्थिति में भी प्रोत्साहन राशि 25 हजार रुपये के वेतन के हिसाब से ही जाएगी। इससे 50 लाख युवाओं को नौकरी मिलने का अनुमान है और इस पर 32 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

पांच साल में एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण

कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सभी युवाओं के इंटर्नशिप देने के वायदे को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। कांग्रेस के घोषणापत्र में एक साल के 8,500 रुपये प्रति महीने की इंटर्नशिप का वादा किया गया था। निर्मला सीतारमण ने बजट में देश की 500 बड़ी कंपनियों में पांच सालों में एक करोड़ युवाओं के लिए प्रशिक्षण का एलान किया है।

21 से 24 साल के युवा कर सकेंगे आवेदन

प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को हर महीने पांच हजार रुपये की इंटर्नशिप मिलेगी। प्रशिक्षण की लागत कंपनी के सीएसआर फंड से वहन की जाएगी। इस योजना के तहत 21 से 24 साल के युवा आवेदन कर सकते हैं। एक करोड़ युवाओं के इंटर्नशिप पर कुल 63 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा सरकार ने अगले पांच साल में 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से 1000 आईटीआई का उन्नयन करने का भी एलान किया है। इससे 20 लाख युवाओं का कौशल विकास किया जा सकेगा।

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