UPSC और SSC की परीक्षाओं में नहीं हुआ कोई पेपर लीक, केंद्र ने संसद में दी जानकारी
Paper Leak केंद्र सरकार का कहना है कि यूपीएससी एसएससी आरआरबी आईबीपीएस जैसी केंद्रीय भर्ती परीक्षाओं में पिछले दो वर्षों में पेपर लीक की कोई घटनाएं नहीं हुई हैं। केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में लिखित में इसे लेकर जवाब दिया। उन्होंने नीट परीक्षा के लेकर भी कहा कि कुछ जगह गड़बड़ी के मामले थे जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले दो वर्षों में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) और बैंकिंग कर्मचारी चयन संस्थान (IBPS) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की कोई घटना नहीं हुई है।
केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने एक लिखित जवाब में कहा, 'हाल ही में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने पांच मई, 2024 को ओएमआर (पेन एंड पेपर) मोड में नीट (यूजी) का आयोजन किया था। कथित अनियमितताओं/ धोखाधड़ी/ छद्मवेश/ गलत आचरण के कुछ मामले सामने आए थे।' उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद विस्तृत जांच के लिए मामला 22 जून, 2024 को सीबीआई के हवाले कर दिया गया था।
पेपर लीक रोकने के लिए नया कानून लागू
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोक परीक्षाओं में अनुचित साधनों का प्रयोग रोकने के लिए सरकार ने लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 बनाया है, जिसे लागू कर दिया गया है और इस कानून के नियम भी अधिसूचित कर दिए गए हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि मार्च, 2024 तक पिछले छह वित्त वर्षों में 35 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि से देश में रोजगार 64.33 करोड़ हो गए हैं, जो 2017-18 में 47.5 करोड़ थे।रोजगार बढ़ने का दावा
श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में बताया कि 2017-18 से 2023-24 तक रोजगार में कुल बढ़ोतरी लगभग 16.83 करोड़ हुई। उन्होंने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (औपचारिक एवं आनौपचारिक) में 2017-18 से 2022-23 तक रोजगार के 85 लाख अवसरों की वृद्धि हुई।एक अन्य जवाब में करंदलाजे ने बताया कि बाल श्रम दरअसल गरीबी, आर्थिक पिछड़ेपन, बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच का अभाव, निरक्षरता इत्यादि विभिन्न सामाजिक आर्थिक समस्याओं का परिणाम है। सरकार बाल श्रम को खत्म करने के लिए बहुआयामी रणनीति अपना रही है।