Chhatrapati Shivaji Maharaj: केंद्र सरकार ने UNESCO की मान्यता के लिए भेजे शिवाजी के आठ किलों के नाम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी 394वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने बताया कि महाराष्ट्र में शिवाजी से जुड़े आठ किलों के नाम की सूची यूनेस्को की मान्यता के लिए संयुक्त राष्ट्र को भेजी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी 394वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने बताया कि महाराष्ट्र में शिवाजी से जुड़े आठ किलों के नाम की सूची यूनेस्को की मान्यता के लिए संयुक्त राष्ट्र को भेजी गई है।
UN को भेजा गया आठ किलों के नाम
केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने हैदराबाद में एक कार्यक्रम में बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े आठ किलों के नाम भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से संयुक्त राष्ट्र को यूनेस्को की मान्यता के लिए भेजे गए हैं। इसी साल जनवरी में सरकार ने 2024-25 की यूनेस्को की विश्व विरासत सूची के लिए 'भारत में मराठा सैन्य भूक्षेत्र' के नामांकन की घोषणा की थी।
इसमें महाराष्ट्र के कुल 390 किलों में से कुल 12 किलों को नामित किया गया है जिसमें सालहर किला, शिवनेरी किला, लोहगढ़, खानडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पनहाला फोर्ट, विजय दुर्ग और सिंधुगढ़ के अलावा, तमिलनाडु के गिंजी फोर्ट शामिल हैं। 17वीं और 19वीं शताब्दी में विकसित इन किलों की खूबसूरती मराठा शासन में फलीफूली थी। हालांकि नामित 12 किलों में से केवल आठ ही शिवाजी महाराज के नाम पर हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, ''छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। एक दूरदर्शी नेता, निडर योद्धा, संस्कृति के रक्षक और सुशासन के अवतार, उनका जीवन पीढि़यों को प्रेरित करता है।यह भी पढ़ेंः Mumbai Customs: मुंबई सीमा शुल्क की बड़ी कार्रवाई, जब्त किए 5.18 करोड़ रुपये मूल्य के 9.83 किलोग्राम सोना और आईफोन
पीएम मोदी ने अक्सर शिवाजी की सैन्य और प्रशासनिक प्रतिभा की सराहना की है और रविवार को भाजपा सम्मेलन में अपने भाषण में भी उन्होंने मराठा राजा का जिक्र किया था। 1630 में जन्मे शिवाजी ने अपना साम्राज्य स्थापित करने के लिए मुगलों सहित अपने समय के मुस्लिम राजाओं से लड़ाई की, जो आने वाले वर्षों में सबसे शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक बन गया। उनकी न केवल सैन्य कौशल बल्कि प्रशासनिक कौशल के लिए भी प्रशंसा की जाती है।
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