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देश में टीवी चैनलों के लिए जारी किए गए नए दिशानिर्देश, सीधा प्रसारण के लिए पहले से नहीं लेनी होगी पूर्व अनुमति

केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार कार्यक्रम के सीधा प्रसारण के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं लेनी होगी। राष्ट्र व जनहित में प्रसारित होने वाली सामग्री को लेकर भारतीय टेलीपोर्ट विदेशी चैनलों को अपलिंक कर सकते हैं। (फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Dhyanendra Singh ChauhanUpdated: Wed, 09 Nov 2022 02:50 PM (IST)
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टीवी चैनलों में अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए जारी हुए दिशानिर्देश

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्र सरकार ने भारत में टीवी चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के 2022 के दिशानिर्देशों को मंजूरी दी है। सरकार द्वारा जारी ये दिशानिर्देश टीवी चैनलों के लिए प्रसारण कार्यप्रणाली को और ज्यादा आसान बनाया गया है। गैर समाचार कार्यक्रम के सीधा प्रसारण के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं लेनी होगी। राष्ट्र व जनहित में प्रसारित होने वाली सामग्री को लेकर भारतीय टेलीपोर्ट विदेशी चैनलों को अपलिंक कर सकते हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इससे पहले 2011 में दिशानिर्देश जारी किए थे।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव ने साझा किए दिशानिर्देश

प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि सी बैंड के अलावा फ्रीक्वेंसी बैंड में अपलिंक करने वाले टीवी चैनलों को अनिवार्य रूप से अपने सिग्नल को एन्क्रिप्ट करने की आवश्यकता होती है। एक चैनल को केवल एक टेलीपोर्ट/उपग्रह की तुलना में एक से अधिक टेलीपोर्ट की सुविधाओं का उपयोग करके अपलिंक किया जा सकता है। एक टेलीपोर्ट ऑपरेटर भारत के बाहर डाउनलिंक होने के लिए एक विदेशी चैनल को अपलिंक कर सकते हैं।

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लाइव प्रसारण के अनुमति लेने को किया गया समाप्त

आज जारी हुए नए दिशानिर्देशों के अनुसार एक चैनल को एक यूनिट से दूसरी यूनिट में स्थानांतरित करने के लिए कुछ प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। गैर-समाचार सामग्री के लिए लाइव कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। केवल लाइव टेलीकास्ट होने वाले कार्यक्रमों का पूर्व पंजीकरण आवश्यक होगा।

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समाचार एजेंसियों को एक के मुकाबले 5 साल के लिए मिल सकती है अनुमति

विदेशों में सामग्री को डाउनलिंक करने के लिए विदेशी चैनलों को अपलिंक करने के लिए भारतीय टेलीपोर्ट की अनुमति नहीं थी, जबकि विदेशी चैनलों को नए दिशानिर्देशों में विदेशों में डाउनलिंक होने के लिए भारत से अपलिंक करने की अनुमति है। एक समाचार एजेंसी को वर्तमान में एक साल के मुकाबले 5 साल की अवधि के लिए अनुमति मिल सकती है।