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केंद्र और असम सरकार के बीच 'शांति समझौते' पर होंगे हस्ताक्षर, सीएम बोले- नए युग की होगी शुरुआत

Assam Govt to Sign Peace असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मुझे यकीन है कि समझौते पर हस्ताक्षर से असम में शांति और सद्भाव के एक नए युग की शुरुआत होगी। अमित शाह और सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Thu, 15 Sep 2022 01:34 PM (IST)
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और असम के सीएम की फाइल फोटो
गुवाहाटी, एजेंसी। असम और भारत सरकार के बीच गुरुवार को बेहद अहम समझौते पर हस्ताक्षर होने हैं। शांति प्रक्रिया शुरू होने के 10 साल बाद आज नई दिल्ली में केंद्र और असम सरकार राज्य के आठ आदिवासी उग्रवादी संगठनों के साथ त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

ये हैं प्रमुख आठ आदिवासी उग्रवादी समूह

आठ विद्रोही समूह, जिसमें बिरसा कमांडो फोर्स (BCF), आदिवासी पीपुल्स आर्मी (APA), ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी (AANLA), असम की आदिवासी कोबरा मिलिट्री (ACMA) और संथाली टाइगर फोर्स (STF) हैं। इसके साथ ही शेष तीन संगठन BCF, ANLA, ACMA के अलग- अलग समूह भी शामिल हैं।

BCF, APA, AANLA), ACMA और संथाली टाइगर फोर्स (STF) 2012 से सरकार के साथ संघर्ष विराम में हैं और तब से तब उग्रवादी संगठनों के कार्यकर्ता निर्धारित शिविरों में रह रहे हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मुझे यकीन है कि समझौते पर हस्ताक्षर से असम में शांति और सद्भाव के एक नए युग की शुरुआत होगी।

पूर्व में 246 विद्रोहियों ने डाले थे हथियार

बता दें कि इसी साल 27 जनवरी को राज्य के दो उग्रवादी गुटों के कुल 246 विद्रोहियों ने हथियार डाल दिए और मुख्यधारा में लौट आए थे। गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित एक औपचारिक समारोह में यूनाइटेड गोरखा पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (UGPO) के 169 विद्रोहियों और तिवा लिबरेशन आर्मी (TLA) के 77 विद्रोहियों ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, असम के डीजीपी भास्कर ज्योति के सामने हथियार रखे थे।

गौरतलब है कि राज्य में जब से हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार आई है। तब से उग्रवादी संगठन काफी निष्क्रिय हो गए हैं। राज्य सरकार समय-समय पर इन संगठनों पर कड़े कदम उठाती रही है।

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