Parliament Session: आखिर शीतकालीन सत्र से दो दिन पहले सरकार ने क्यों बुलाई सर्वदलीय बैठक? जानिए इसकी असल वजह
सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले दो दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सत्र चार को शुरू होकर 22 दिसंबर को समाप्त होगा। सत्र में सरकार प्रमुख विधेयकों को पारित करने की इच्छुक है इसलिए सत्र पर विधानसभा चुनाव के नतीजों का बड़ा असर पड़ेगा। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर आचार समिति की रिपोर्ट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश की जाएगी।
पीटीआई, नई दिल्ली। Winter Session: सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले दो दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सत्र चार को शुरू होकर 22 दिसंबर को समाप्त होगा।
कब बुलाई जाती है सर्वदलीय बैठक?
सर्वदलीय बैठक सत्र शुरू होने से एक दिन पहले बुलाई जाती है, लेकिन इस बार तीन दिसंबर को पांच राज्यों के लिए वोटों की गिनती के कारण इसे पहले बुलाया गया है। सत्र में सरकार प्रमुख विधेयकों को पारित करने की इच्छुक है, इसलिए सत्र पर विधानसभा चुनाव के नतीजों का बड़ा असर पड़ेगा।
बता दें कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर आचार समिति की रिपोर्ट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश की जाएगी। पैनल द्वारा निष्कासन की सिफारिश लागू होने से पहले सदन को रिपोर्ट अपनानी होगी।
आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम को प्रतिस्थापित करने वाले तीन प्रमुख विधेयकों पर सत्र के दौरान विचार किए जाने की संभावना है। गृह मामलों की स्थायी समिति ने हाल ही में इन तीन रिपोर्टों को स्वीकार किया है।
संसद में लंबित एक अन्य प्रमुख विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित है। मानसून सत्र में पेश इस प्रस्ताव को सरकार ने विपक्ष और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों के विरोध के बीच संसद के विशेष सत्र में पारित करने पर जोर नहीं दिया, क्योंकि वह सीईसी और ईसी की स्थिति को कैबिनेट सचिव के बराबर लाना चाहती है। वर्तमान में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है।
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