Avian influenza: देश में बर्ड फ्लू की दस्तक! केंद्र ने एवियन इन्फ्लूएंजा को लेकर राज्यों से सतर्क रहने को कहा
Avian Influenza Virus केंद्र ने शुक्रवार को एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) को लेकर सभी राज्यों को सतर्क रहने के लिए कहा है। एवियन इन्फ्लूएंजा को बर्ड फ्लू (Bird Flu) भी कहा जाता है। निर्देश में कहा गया है कि पक्षियों और मुर्गियों की किसी भी असामान्य मौत के प्रति सतर्क रहें और तुरंत पशुपालन विभाग के साथ जानकारी साझा करें।
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र ने शुक्रवार को एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) को लेकर सभी राज्यों को सतर्क रहने के लिए कहा है। एवियन इन्फ्लूएंजा को बर्ड फ्लू (Bird Flu) भी कहा जाता है। निर्देश में कहा गया है कि पक्षियों और मुर्गियों की किसी भी असामान्य मौत के प्रति सतर्क रहें और तुरंत पशुपालन विभाग के साथ जानकारी साझा करें।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे सभी स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों/निजी चिकित्सकों को एवियन इन्फ्लूएंजा के संकेत और लक्षणों के बारे में बताएं। सभी पोल्ट्री फार्मों पर व्यापक सुरक्षा आकलन की सिफारिश की गई है।
लोगों को जानकारी देने की दी गई सलाह
पक्षियों और घरेलू पोल्ट्री के बीच संपर्क रोकने के उपायों को लागू करने कहा गया है। राज्यों से इससे बचने के उपायों के बारे में लोगों को जानकारी देने की भी सलाह दी गई है। इसके अलावा, उन्हें पर्याप्त संख्या में एंटीवायरल दवाओं, पीपीई, मास्क आदि के भंडारण जैसे सभी निवारक उपायों के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने जारी किया निर्देश
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा 25 मई को जारी एक संयुक्त निर्देश में कहा गया है कि 2024 तक चार राज्यों- आंध्र प्रदेश (नेल्लोर), महाराष्ट्र (नागपुर), केरल (अलाप्पुझा, कोट्टायम और पथानामथिट्टा जिले) और झारखंड (रांची) में पोल्ट्री में एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रकोप की सूचना पहले ही मिल चुकी है।
एवियन इन्फ्लूएंजा संक्रमण तेजी से फैलने वाली बिमारी
संयुक्त परामर्श में कहा गया है कि चूंकि एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) संक्रमण तेजी से फैलने वाली बिमारी है और इसके लोगों में फैलने की अधिक संभावना है, इसलिए इस संक्रमण के प्रसार को कम करने और रोकने के लिए सभी जरूरी उपाय करना अनिवार्य है।प्रवासी पक्षियों के बीच प्रसारित होता है वायरस
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस आमतौर पर प्रवासी पक्षियों के बीच प्रसारित होता है। यह पालतू मुर्गी पक्षियों के बीच प्रकोप का कारण बनता है। साथ ही संभवतः प्रवासी पक्षियों के मुर्गियों के संपर्क में आने की वजह से होता है।
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