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Aadhaar-PAN Card: केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, सुरक्षित रहेगा आधार और पैन कार्ड; उठाया ये कदम

केंद्र सरकार ने गुरुवार को भारतीय नागरिकों के आधार और पैन कार्ड की डिटेल लेकर व्यक्तिगत पहचान को उजागर करने वाली कुछ वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) द्वारा वेबसाइटों में सुरक्षा खामियां पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। सीईआरटी-इन ने इन वेबसाइटों में सुरक्षा खामियां पाई थीं।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 26 Sep 2024 11:21 PM (IST)
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सरकार ने आधार, पैन का ब्योरा देने वाली वेबसाइटों को ब्लॉक किया। (file photo)

पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने भारतीय नागरिकों के आधार और पैन कार्ड विवरण सहित संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी को उजागर करने वाली कुछ वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है। इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत संचालित भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन) ने इन वेबसाइटों में सुरक्षा खामियां पाई थीं। इसके बाद सरकार ने इन वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया।

साइबर सुरक्षा और व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा

गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया-मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कुछ वेबसाइटें भारतीय नागरिकों के आधार और पैन कार्ड विवरण सहित संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारियों को उजागर कर रही थीं। इस मामले को गंभीरता से लिया गया है, क्योंकि सरकार साइबर सुरक्षा और व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इसके अनुरूप इन वेबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए त्वरित कार्रवाई की गई है।

सुरक्षा खामियां उजागर, शिकायत दर्ज

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने आधार अधिनियम, 2016 के तहत आधार से जुड़े विवरण के सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक का उल्लंघन करने पर संबंधित पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई है। बयान में कहा गया है कि सीईआरटी-इन ने इन वेबसाइटों में कुछ सुरक्षा खामियां उजागर की हैं। संबंधित वेबसाइट मालिकों को खामियों को दुरुस्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।

मुआवजे की मांग

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2011 के तहत संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी को सार्वजनिक करने पर रोक है। कोई भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित पक्ष शिकायत दर्ज करने और मुआवजे की मांग के लिए निर्णायक अधिकारी से संपर्क कर सकता है। राज्यों के आइटी सचिवों को निर्णायक अधिकारी के रूप में अधिकार दिया गया है।

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