स्कूल की किताबों में India की जगह नहीं लिखा जाएगा भारत, केंद्र ने केरल सरकार की मांग को किया खारिज
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्कूली किताबों में इंडिया के जगह पर भारत करने की राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) पैनल की हालिया सिफारिश पर पुनर्विचार करने की केरल सरकार की मांग को खारिज कर दिया है। भारत का संविधान इंडिया और भारत दोनों को देश के आधिकारिक नामों के रूप में मान्यता देता है जिसका उपयोग किया जा सकता है।
पीटीआई, तिरुवनंतपुरम। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्कूली किताबों में इंडिया के जगह पर भारत करने की राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) पैनल की हालिया सिफारिश पर पुनर्विचार करने की केरल सरकार की मांग को खारिज कर दिया है। धर्मेंद्र प्रधान ने केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी को इस बारे में एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि संविधान दोनों नामों के उपयोग को मान्यता देता है और उसमें दोनों का जिक्र है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह जानकारी दी है।
इंडिया और भारत दोनों नामों का है संविधान में है जिक्रः प्रधान
शिवनकुट्टी को लिखे अपने पत्र में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश के संविधान के अनुच्छेद एक में कहा गया है कि इंडिया, जो कि भारत है और राज्यों का एक संघ है। भारत का संविधान 'इंडिया' और 'भारत' दोनों को देश के आधिकारिक नामों के रूप में मान्यता देता है, जिसका उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि NCERT हमारे संविधान में निहित इस भावना को विधिवत स्वीकार करती है और दोनों के बीच अंतर नहीं करती है।
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इंडिया और भारत में नहीं है कोई फर्कः प्रधान
मालूम हो कि इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि कुछ निराश लोग देश की पहचान भारत करने को लेकर विवाद पैदा करने के लिए एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि कुछ समय से इस बात पर विवाद चल रहा है कि हमारे देश को 'इंडिया' या 'भारत' के नाम से जाना जाना चाहिए। लेकिन फर्क क्या है? मेरा मानना है कि इंडिया और भारत में कोई अंतर नहीं है। भारत हमारे देश का नाम है।
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