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NEET परीक्षा स्कैम के बाद अब प्रतियोगी परीक्षाओं को बनाया जाएगा फुलप्रूफ, दो महीने में सरकार को रिपोर्ट देगी कमेटी

प्रतियोगी परीक्षाओं को फुलप्रूफ बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन हो चुका है। समिति दो महीने में सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार प्रतियोगी में जीरो एरर के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नीट और यूजीसी-नेट की परीक्षा के प्रश्नपत्रों के लीक होने की घटनाओं ने सरकार के सामने नई चुनौती पेश की है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sat, 22 Jun 2024 08:45 PM (IST)
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NEET परीक्षा स्कैम के बाद अब प्रतियोगी परीक्षाओं को बनाया जाएगा फुलप्रूफ (Image: ANI)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पेपर लीक के मामलों के बाद गंभीर सवालों और संदेह के घेरे में आए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) में आमूलचूल परिवर्तन और प्रतियोगी परीक्षाओं पर छात्रों का भरोसा कायम करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने इसरो के पूर्व अध्यक्ष डाक्टर के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

समिति को पूरी परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार और प्रश्नपत्र समेत अन्य डाटा की सुरक्षा के प्रोटोकाल में सुधार के साथ ही एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए सुझाव देने की जिम्मेदारी दी गई है।

दो महीने में रिपोर्ट देगी समिति

समिति दो महीने में सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार प्रतियोगी में ''जीरो एरर'' के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नीट और यूजीसी-नेट की परीक्षा के प्रश्नपत्रों के लीक होने की घटनाओं ने सरकार के सामने नई चुनौती पेश की है।

इससे निपटने के लिए एनटीए की कार्यप्रणाली के साथ-साथ प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को सुरक्षा को फुलप्रूफ बनाने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो पूरी परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण कर उसकी दक्षता में सुधार और किसी भी संभावित उल्लंघन को रोकने लिए उपाय सुझाएगी।

फुलप्रूफ बनाने का देगी सुझाव

इसके साथ ही समिति को परीक्षा के लिए तय मानदंडों का सभी स्तरों पर अनुपालन सुनिश्चित करने और उसके लिए निगरानी तंत्र तैयार करने का उपाय बताने को कहा गया है। सबसे अहम है कि समिति विभिन्न परीक्षाओं में पेपर सेटिंग से लेकर उन्हें परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के पूरी प्रक्रिया की जांच कर उन्हें फुलप्रूफ बनाने का सुझाव भी देगी, ताकि भविष्य में पेपर लीक की घटनाओं को पूरी तरह से रोका जा सके।

समिति में डाक्टर के राधाकृष्णन के साथ-साथ एम्स के पूर्व निदेशक डाक्टर रणदीप गुलेरिया, केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद के कुलपति प्रोफेसर बी जे राव, आइआइटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस राममूर्ति के, पीपल स्ट्रांग व कर्मयोगी भारत के सह संस्थापक पंकज बंसल, आइआइटी दिल्ली के डीन स्टूटेंड अफेयर्स प्रोफेसर आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गो¨वद जायसवाल इसके सदस्य होंगे।

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