'जिला जजों को केवल 15,000 रुपये पेंशन मिल रही', सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मुद्दे का जल्द समाधान करे केंद्र
सुप्रीम कोर्ट ने जिला न्यायाधीशों की पेंशन से जुड़े मामले की सुनवाई की। केंद्र सरकार से न्यायाधीशों की बहुत कम पेंशन के मुद्दे के जल्द समाधान को कहा। न्यायमित्र के साथ बैठक करके रास्ता निकालने को कहा। केंद्र सरकार ने इस मामले में और अधिक समय मांगा है। इसके बाद सुनवाई को 27 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जिला न्यायाधीशों को दी जा रही बहुत कम पेंशन से संबंधित मुद्दों का केंद्र से जल्द से जल्द समाधान करने को कहा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि 'हम जिला न्यायपालिका के संरक्षक होने के नाते आपसे (अटार्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल) आग्रह करते हैं कि आप न्यायमित्र के साथ बैठकर कोई रास्ता निकालें।'
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जिला न्यायाधीशों कितनी मिलती है पेंशन
सीजेआई ने कहा कि इनमें से कुछ मामले बहुत पेचीदा हैं। उन्होंने कैंसर से पीड़ित एक जिला न्यायाधीश के मामले का उल्लेख किया और कहा कि पेंशन से संबंधित शिकायतों को उठाते हुए जिला जजों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की जा रही हैं। पीठ ने कहा कि 'जिला न्यायाधीशों को केवल 15,000 रुपये पेंशन मिल रही है।60 साल बाद वकालत भी नहीं कर सकते
जिला न्यायाधीश हाईकोर्ट में आते हैं और आमतौर पर उन्हें 56 और 57 वर्ष की आयु में हाई कोर्टों में पदोन्नत किया जाता है और वे 30,000 रुपये प्रति माह पेंशन को लेकर सेवानिवृत्त होते हैं।' सीजेआई ने कहा कि 60 वर्ष की आयु होने पर वे वकालत भी नहीं कर सकते।