Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

COVID-19 Vaccine: कोरोना वैक्सीन पर कितना हुआ खर्च? केंद्र ने लोकसभा में बताया सारा लेखा-जोखा

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने 99 देशों और संयुक्त राष्ट्र के दो संगठनों को भी कुल 3012.465 लाख डोज भेजे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड सुरक्षा मिशन के तहत 158.4 करोड़ रुपये दिए गए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि केंद्र सरकार का एम्स की स्थापना पर पूरा जोर है।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Fri, 02 Aug 2024 10:00 PM (IST)
Hero Image
कोवैक्सीन के लिए भारत बायोटेक से आईसीएमआर को 172 करोड़ रुपये की रॉयल्टी मिली है।

पीटीआई, नई दिल्ली। देश की 130 करोड़ से अधिक की आबादी को जानलेवा वैश्विक महामारी कोविड-19 से सुरक्षित रखने में केंद्र सरकार के कोविड वैक्सीन कार्यक्रम का विशेष योगदान रहा है। इस साल 29 जुलाई तक सरकार ने लोगों को कोविड रोधक वैक्सीन के 220.68 करोड़ डोज बिना कोई शुल्क लिए लगाए गए हैं। इस वैक्सीन अभियान की निशुल्क आपूर्ति पर सरकार ने अब तक 36,397.65 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

99 देशों को दिया गया वैक्सीन

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने 99 देशों और संयुक्त राष्ट्र के दो संगठनों को भी कुल 3012.465 लाख डोज भेजे हैं। देश में विभिन्न राज्यों में कोविड वैक्सीन का वितरण राज्य प्रशासन के अनुरूप था। एजेंसियों को वितरण के लिए 533.3 करोड़ रुपये डीबीटी व बिराक को दिए गए थे। उन्होंने कहा कि कोविड सुरक्षा मिशन के तहत 158.4 करोड़ रुपये दिए गए थे।

ICMR को मिली 172 करोड़ रुपये की रॉयल्टी

इसी तरह सरकार ने कोवैक्सीन का पेटेंट याचिका का हवाला देते हुए बताया कि इसकी निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने पेटेंट आवेदन में सह-खोजकर्ता के रूप में आईसीएमआर और एनआईवी का नाम नहीं दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि भारत निर्मित कोवैक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लि. ने संयुक्त रूप से बनाया है। कोवैक्सीन के लिए भारत बायोटेक से आईसीएमआर को 172 करोड़ रुपये की रॉयल्टी मिली है।

पीएम मोदी 17 से अधिक AIIMS खोलने को प्रयासरत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि केंद्र सरकार का एम्स की स्थापना पर पूरा जोर है। इस लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के प्रत्येक हिस्से में 17 से अधिक एम्स खोलने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि विश्वस्तरीय एम्स एक रात में नहीं बनते। अंतरराष्ट्रीय मानकों को कायम रखते हुए इसे बनाने में 10-15 साल लग जाते हैं। यहां के डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करते बल्कि यहां डॉक्टर 2437 मरीजों के इलाज में जुटे रहते हैं।

देश की आधी आबादी नहीं है फिट

इसके अलावा, नड्डा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार शारीरिक फिटनेस में देश की आधी आबादी फिट नहीं है। इन सभी को चलने, दौड़ने और अन्य शारीरिक श्रम करने में परेशानी होती है।

27 जुलाई को लू लगने से 374 जानें गईं

स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि 374 लोगों की लू लगने से मौत हो गई। 27 जुलाई तक लू लगने के कुल 67,637 मामले सामने आए थे। उत्तर प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित हुआ था जहां लू लगने से 52 मौतें हुईं। जबकि बिहार में 37, ओडिशा व दिल्ली में 26-25 मौतें हुईं।

यह भी पढ़ेंः

Wayanad Landslide: 'IMD ने केरल सरकार को 15 दिन पहले किया था अलर्ट, वायनाड भूस्खलन पर केंद्र ने सदन में दी जानकारी

असम की महिला को 9 साल बाद क्यों मिला मतदान का अधिकार? भाई ने की थी आत्महत्या