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AI कंपनियों के लिए जल्द आ सकती है आचार संहिता, पढ़ें क्या है मोदी सरकार का प्लान

केंद्र सरकार ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के लिए जल्द ही आचार संहिता लेकर आ सकती है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है और नए साल के आरंभ में इसे लेकर आचार संहिता जारी हो जाएगी। केंद्र चाहता है कि लोकतांत्रिक तरीके से अधिक से अधिक सामाजिक कल्याण के लिए एआई का इस्तेमाल किया जाए।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 18 Nov 2024 10:10 PM (IST)
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कंपनियों पर आचार संहिता को लागू करने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं होगी। (File Image)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर काम करने वाली कंपनियों के लिए जल्द ही आचार संहिता जारी कर सकती है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है और नए साल के आरंभ में आचार संहिता जारी हो जाएगी।

मंत्रालय चाहता है कि लोकतांत्रिक तरीके से अधिक से अधिक सामाजिक कल्याण के लिए एआई का इस्तेमाल किया जाए, क्योंकि एआई के दुरुपयोग की भी आशंका है। आने वाले समय में शिक्षा, प्रशासनिक ढांचे से लेकर उद्योग तक में व्यापक रूप से एआई का इस्तेमाल होने वाला है।

फिलहाल नहीं हैं कोई कानून

भारत के एआई मिशन में कंप्यूटिंग क्षमता, डाटासेट एक्सेस, कौशल निर्माण पहल और नैतिक शासन ढांचा निर्माण जैसी चीजें मुख्य रूप से शामिल है। एआई कंपनियों पर आचार संहिता को लागू करने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं होगी और यह उनकी इच्छा पर निर्भर करेगी। अभी एआई को लेकर देश में कोई समग्र कानून नहीं है और इस पर कानून लाने में अभी कुछ समय लग सकता है।

चल रहा है विचार विमर्श

इसे लेकर एआई कंपनियों के अलावा अन्य स्टेकहोल्डर्स से लगातार विचार-विमर्श चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक अगले साल के आरंभ में एआई से जुड़ी ट्रेनिंग, उसके इस्तेमाल, बिक्री, एआई की पहचान और उसके गलत इस्तेमाल जैसी चीजों से संबंधित आचार संहिता जारी किए जाएंगे। सरकार एआई को लेकर वैश्विक माडल तैयार करवाने के पक्ष में है और इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़ी एजेंसियों से बातचीत की जा रही है। भारत एआई को लेकर वैश्विक नियम बनाने में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए अपनी तत्परता जाहिर कर चुका है।

घटी बेरोजगारी दर

इधर, रोजगार को लेकर भी एक अच्छी खबर आई है, जहां एक रिपोर्ट बताती है कि शहरी क्षेत्रों में जुलाई-सितंबर तिमाही में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की बेरोजगारी दर घटकर 6.4 प्रतिशत रह गई है। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) ने यह जानकारी दी।

पिछली तिमाही में 6.6 फीसदी थी दर

वित्त वर्ष 2023-24 की सितंबर तिमाही में बेरोजगारी दर 6.6 प्रतिशत थी। श्रम बल में बेरोजगार लोगों के प्रतिशत को बेरोजगारी दर कहा जाता है। एनएसएसओ के 24वें आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही में शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की बेरोजगारी दर 6.6 प्रतिशत थी।

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